जापान में बालकों के विचित्र नामों के विरुद्ध सरकार कानून बनाएगी !

टोकियो (जापान) – जापान में मता-पिता के लिए अपने बच्चों को भिन्न-भिन्न अनोखे नाम रखने की प्रथा रूढ हो गई है । इसका कारण यह है कि वहां बालकों पर स्वतंत्र पहचान निर्मित कर अपने पग पर खडे रहने का दबाव होता है । पिछले ४ दशकों में ये सब गति से बढ रहा था; परंतु इस कारण बालकों को सामाजिक एवं व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करना पडा । इसलिए सरकार अभिभावकों को अपारंपरिक नाम रखने पर रोक लगाएगी तथा उसके लिए एक कानून भी बनाएगी’, सरकार ने ऐसा घोषित किया है । असाधारण प्रकार के नाम कानून द्वारा नियंत्रित होने चाहिए’, ८० प्रतिशत जापानियों द्वारा ऐसा मत व्यक्त किया गया है ।  कानून परामर्शदाता संस्था ‘बेंगोफोर डाट काम’ की छानबीन में यह दावा किया गया ।

संपादकीय भूमिका 

भारत में भी वर्तमान में बालकों के निरर्थक नाम रखने की ‘प्रथा (फैशन)’ रूढ होती जा रही है । अध्यात्मशास्त्र के अनुसार शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध एवं उनकी शक्ति एकत्रित होती है । इस कारण बालकों के सात्त्विक एवं देवताओं के नाम रखने से उन्हें उसका लाभ होता है । अभिभावकों को बालकों के नाम रखते समय  शास्त्र की समझ होना आवश्यक है !