विशेष संपादकीय : ‘रिक्लेमिंग भारत’ अत्यावश्यक !
हिन्दू धर्मरक्षण के लिए हिन्दूवादी विचारकों के वैचारिक उद्बोधन को सर्वत्र हिन्दू कृति में लाएं, ऐसी अपेक्षा !
हिन्दू धर्मरक्षण के लिए हिन्दूवादी विचारकों के वैचारिक उद्बोधन को सर्वत्र हिन्दू कृति में लाएं, ऐसी अपेक्षा !
यदि विरोध करनेवाले ब्रिटीश हैं, तो वे पहले से ही वर्णद्वेषी हैं एवं आज भी उनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, यही पुनः ध्यान में आता है !
आक्रमणों के उपरांत कार्रवाई करने के संबंध में विचार करने की जगह ऐसा वातावरण निर्माण चाहिए कि अब कोई भी भारत पर आक्रमण करने का साहस ही न करे !
मूल में इन देशों के राजदूतों के व्याख्यानों का आयोजन ही क्यूं किया गया था ? आजकल इनमें से २ देशों में युद्ध चल रहा है तथा तीसरा देश युद्ध की कगार पर है ।
ये देशद्रोही कौन है ये तो सब जानते है और आम हिंदू जनता कि यह इच्छा है कि इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए !
कनाडा के भारतीय भूतपूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा ने लगाया आरोप
बिना किसी प्रमाण के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के उपरांत, अब उन्होंने बिना प्रमाण के आरोप लगाने की निर्लज्ज स्वीकृति दी है ।
हमने अदालत में न्यायदेवता की आंखों पर पट्टी बंधी देखी होगी ; लेकिन इस पट्टी को हटाया गया है।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाक का नाम लिए बिना कहा, ‘आतंकवादी गतिविधियां आरंभ रहीं तो व्यापार को भी गति नहीं मिलेगी ।
कनाडा और भारत के बीच विवाद में अमेरिका की दादागिरी!