वाशिंग्टन (अमेरिका) – भारत के अंतर्गत विशेषतः हिन्दू एवं मुसलमान के आपसी मतभेद का संदर्भ देते हुए अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बिल क्लिंटन ने कहा ‘ भारत में गांधीजी का सपना साकार होने के विषय में मुझे संदेह है ।’ ७८ वर्ष आयु के क्लिंटन ने ‘सिटीजन : माइ लाइफ आफ्टर द वाईट हाऊस’ नामक अपने नए पुस्तक में यह टिप्पणी दी है । पिछले सप्ताह में इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया । उन्होंने पुस्तक में कहा है ‘आज भारत का द्रुतगति से विकास हो रहा है तथा लोग आनंदित हैं । ये सर्वाधिक जनसंख्या का देश भी बन गया है । ऐसा भले ही हो, तब भी यहां के अंतर्गत मतभेदों के कारण विशेषतः हिन्दू एवं मुसलमान के मध्य विद्यमान मतभेदों के कारण गांधीजी का सपना साकार होगा अथवा नहीं, इस विषय में संदेह है ।’
वर्ष २००१ के विनाशकारी भूकंप के उपरांत उनके द्वारा किया गया गुजरात दौरे का भी इस पुस्तक में वर्णन है । क्लिंटन के मत अनुसार भारत की यात्रा के समय उन्होंने अहमदाबाद के चिकित्सालय एवं गांधी आश्रम का निरीक्षण किया था । कुछ युवकों से संवाद भी किया था । अमेरिका में उन्होंने अपने कुछ भारतीय-अमेरिकन दोस्तों के साथ ‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन’ की (ए.आइ.एफ.) स्थापना की एवं भूकंप से पीडितों के लिए करोडों डॉलर्स इकट्ठा किए थे ।
भारत भेंट के समय उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी से भेट कर भूकंप से पीडितों को सहायता करने की इच्छा व्यक्त की थी । क्लिंटन ने आगे कहा है ‘मेरे मन में वाजपेयी सरकार के प्रति बहुत आदर था ।’
संपादकीय भूमिकाअमेरिका वर्णद्वेषमुक्त होने का सपना अनेक अमेरिकी समाज सुधारकों ने विगत अनेक दशकों से देखा है । यह सपना अमेरिकी समाज किस प्रकार से साकार करेगा , यदि इसका उत्तर भी अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष दे, तो अच्छा होगा ! |