भारत में बहुत शीघ्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – श्रीराम काणे, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज के समय में सनातन धर्म का महत्त्व समस्त विश्व की समझ में आ रहा है । यूरोप-अमेरिका के अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे हैं ।

गाजियाबाद में एक मुसलमान दंपति ने स्वेच्छा से की घर वापसी !

किसी भी प्रकार के दबाव में आए बिना अन्य धर्मी स्वयं हिन्दू धर्म अपना रहे हैं, यह हिन्दू धर्म की अद्वितीय सीख एवं तत्त्वों के कारण ही ! इसी से हिन्दू धर्म की महानता ध्यान में आती है !

हिन्‍दुओं के पुनरुत्‍थान हेतु आयोजित ’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ में उद़्‍बोधक विचार !

राजनीति के प्रति उदासीनता हिन्‍दुओं में सामान्‍य है । महाभारत के समय अर्जुन भी इससे नहीं बच पाए थे । ठीक युद्ध के समय अर्जुन ने अपने हाथ के शस्‍त्र नीचे रख दिए थे । उनका मानना था कि राजनीति अप्रासंगिक है ।

केवल धर्म की पुनर्स्‍थापना ही विश्‍व तथा मानवता को बचा सकती है ! – माता अमृतानंदमयी देवी

माता अमृतानंदमयी देवी, जिन्‍हें पूरी दुनिया श्रद्धापूर्वक ’अम्‍मा’ कहती हैं, ने २६ नवंबर को ’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ के अंतिम दिन सुबह के सत्र का मार्गदर्शन किया ।

’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ के विभिन्‍न सत्रों में हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों द्वारा प्रस्‍तुत उद़्‍बोधक विचार !

हिन्‍दुत्‍ववादी समाचार वेबसाइट ‘ऑप इंडिया’ की प्रधान संपादक नुपुर शर्मा ने ’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ को संबोधित किया । उन्‍होंने वर्ष २०२१ में बंगाल विधानसभा चुनाव के उपरांत हुई भीषण हिंसा पर प्रकाश डाला ।

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को समर्थ करना, कालानुसार आवश्यक ! – दत्तात्रेय होसबले, सरकार्यवाह (Sarkaryavah), रा.स्व. संघ

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को समर्थ करना, कालानुसार आवश्यक है तथा इसके लिए समन्वय, परस्पर सहयोग, सूचनाओं का आदान-प्रदान आवश्यक है । हिन्दू संस्कृति ने विश्व को अत्यधिक मात्रा में योगदान किया है ।

‘हिन्दुत्व’ शब्द के लिए प्रयुक्त किए जानेवाले ‘हिन्दुइज्म’ शब्द का उपयोग रोका जाएगा !

‘हिन्दुत्व’ के स्थान पर अंग्रेजी में ‘हिन्दुइज्म’ शब्द प्रयुक्त किया जाना, हिन्दुत्व की अच्छाई पर एक प्रकार से आक्रमण ही है । ‘हिन्दुत्व’ को ‘हिन्दुनेस’ भी कहा जा सकता है, ऐसा प्रस्ताव यहां पर आयोजित ‘वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस’ में पारित किया गया ।

World Hindu Congress 2023 : अशांत विश्व, शांति प्रस्थापित करने के लिए हिन्दू मूल्यों से प्रेरणा लें ! – श्रेथा थाविसिनी, थाईलैंड के प्रधानमंत्री

हिन्दू धर्म की महानता थाईलैंड के प्रधानमंत्री समझ सकते हैं; परंतु वास्तव यह है कि भारत के पाखंडी निधर्मीवादी, आधुनिकतावादी और नास्तिकतावादियों को समझ में नहीं आती !

हम ‘धर्म विजय’ में विश्वास करते हैं ! – प.पू. सरसंघचालक

हमने ‘धन विजय’ एवं ‘असुर विजय’ का अनुभव किया है । धन विजय का अर्थ है; स्थूल वस्तु से मिलने वाला आनंद किंतु उसमें हेतु योग्य नहीं ! यह आत्मकेंद्रित होने समान है ।

जैसे-जैसे हम आधुनिक होते जा रहे हैं, हम बच्चों को फ्रेंच, इतालवी सिखाना चाहते हैं; लेकिन भगवान की भाषा संस्कृत नहीं सिखाते हैं ! 

कितनी हिन्दू अभिनेत्रियाँ सोचती हैं कि यह एक शोध का विषय हो सकता है !