’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ के विभिन्‍न सत्रों में हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों द्वारा प्रस्‍तुत उद़्‍बोधक विचार !

वर्ष २०२१ में बंगाल में हुई हिंसा वर्ष १९४६ में मुसलमानों के ’डायरेक्‍ट एक्‍शन डे’ के समान अमानवीय है ! – नूपुर शर्मा, मुख्‍य संपादिका, ‘ऑप इंडिया’

हिन्‍दुत्‍ववादी समाचार वेबसाइट ‘ऑप इंडिया’ की प्रधान संपादक नुपुर शर्मा ने ’विश्‍व हिन्‍दू कांग्रेस’ को संबोधित किया । उन्‍होंने वर्ष २०२१ में बंगाल विधानसभा चुनाव के उपरांत हुई भीषण हिंसा पर प्रकाश डाला । उन्‍होंने कहा, ’’वर्ष २०२१ में हुई हिंसा १९४६ के ‘डायरेक्‍ट एक्‍शन डे’ जितनी ही अमानवीय थी । उस समय मैंने उन पीड़ितों से बातचीत की जिनके साथ सामूहिक बलात्‍कार कर उन्‍हें सड़क पर फेंक दिया गया था । उन्‍हें कई दिनों तक मंदिर में शरण लेनी पड़ी । तृणमूल कांग्रेस के मुस्‍लिम कार्यकर्ता सड़कों पर चलती अल्‍पआयु की हिन्‍दू लड़कियों के कपड़े फाड़ रहे थे। हममें से कोई भी इन घटनाओं के बारे में नहीं पढ़ सका; क्‍योंकि कोई पीड़ित सामने नहीं आया । इन घटनाओं पर पुलिस ने भी कोई अपराध प्रवष्‍टि नहीं किया । यहां तक कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इन पीड़ितों का दुख नहीं समझा । इन पीड़ितों की सहायता के लिए कोई दौडकर नहीं आया !

(सौजन्य : World Hindu Congress) 

’डीडी न्‍यूज’ पर देशविरोधी विचारधारा को चुनौती देने वाले चर्चासत्रों का आरंभ ! – अशोक श्रीवास्‍तव, संपादक, ’डीडी न्‍यूज’

अशोक श्रीवास्‍तव

’प्रसारमाध्‍यम अपना धर्म निभा रहे हैं कि नहीं?’ विषय पर ’डीडी न्‍यूज’ के वरिष्ठ संपादक अशोक श्रीवास्‍तव ने कहा कि पहले ‘डीडी न्‍यूज’ में चर्चासत्रों का स्‍थान नहीं था । इसलिए हम ऐसे प्रश्‍न नहीं पूछ सकते थे जो किसी विचारधारा को चुनौती देते हों । हमारा कार्य केवल समाचारों को सामान्‍य रूप में प्रसारित करना था । वर्ष २०१६ में मैं तत्‍कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली से मिला । उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रीय स्‍तर के प्रसारक (सरकारी समाचार चैनल) दूरदर्शन को भी इसमें भाग लेना चाहिए तथा अपनी भूमिका निश्‍चित करनी चाहिए । राष्ट्र विरोधी विचारधाराओं का ‘डीडी समाचार’ द्वारा आवहान किया जाना चाहिए । मुझे इसकी अनुमति मिली तथा तभी से ‘डीडी समाचार’ पर चर्चासत्र आरंभ हो गए ।’ यह ’डीडी न्‍यूज’ के लिए एक नई शुरुआत थी । इस कार्यक्रम के कारण दूरदर्शन में कई परिवर्तन किए गए । (इस प्रकार राष्ट्र के लिए प्रयासरत अशोक श्रीवास्‍तव के समान राष्‍ट्रनिष्‍ठ संपादक ही देश की खरी शक्‍ति बनते हैं ! – संपादक)

भारत विश्‍व की सबसे प्राचीन सभ्‍यता है ! – विवेक अग्निहोत्री, चलचित्र निर्माता

विवेक अग्निहोत्री

भारत विश्‍व की सबसे प्राचीन सभ्‍यता तथा एक लोकतांत्रिक देश है । वर्ष २०२३ में हिन्‍दू विरोधी समुदाय भारतीयों को ’काफिर’ कहना, ’सर तन से जुदा’ (सिर को शरीर से अलग कर दो) जैसे नारे धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं तथा उन्‍हें सामाजिक प्रसार माध्‍यमों की स्‍वीकृति मिलना, यह घटना भयभीत करनेवाली है । एक कथाकार के रूप में उन्‍हें इन बयानों पर लज्‍जा आती है. चुनाव के समय को छोड़कर नेता ये प्रश्‍न नहीं करेंंगे । सदियों से धर्म के लिए काम करने वाले लोग भूमिगत हो गए । फिल्‍म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपने भाषण में कहा कि इसीलिए उन्‍होंने हिन्‍दुओं की दुर्दशा पर प्रकाश डालने वाले चलचित्र बनाने का निर्णय किया ।

२६/११  के आक्रमण से ‘हिन्‍दू आतंकवाद’ की कथा रचने का था षड्‍यंत्र ! – स्‍वाति गोयल शर्मा, वरिष्ठ संपादक, ‘स्‍वराज्‍य मार्ग’

हिन्‍दुत्‍ववादी समाचार संकेतस्‍थल ‘स्‍वराज्‍य माग’ की वरिष्ठ संपादिका स्‍वाति गोयल शर्मा ने ‘ढोंगी कथाओं का विरोध करना तथा हिन्‍दू विरोधी घटनाओं को छुपाने के लिए उपयोग किए जाने वाले फर्जी आख्‍यान’ विषय पर बात की । ’हिन्‍दू आतंकवाद’ के नाम पर रचे गए षड्‍यंत्र के संदर्भ में उन्‍होंने कहा, ‘‘वर्ष २००८ में मुंबई में हुए २६/११ आक्रमण के समय ‘जिहादी आतंकवादी अजमल कसाब हिन्‍दू नाम ‘समीर चौधरी’ लेकर मरेगा’ इस प्रकार की कथा रची गई थी । उस समय वीरगति को प्राप्‍त हुए पुलिस अधिकारी तुकाराम एम्‍बले के कारण यह कथा असफल हो गई । अन्‍यथा कसाब की हत्‍या के साथ ही खरा सत्‍य भी दब जाता तथा ‘हिन्‍दू आतंकवाद’ की अवधारणा को बढ़ावा मिलता ।’’

(सौजन्य : World Hindu Congress) 

एक और उदाहरण देते हुए शर्मा ने कहा कि ७ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में रमेश शुक्ला नाम के एक हिन्‍दू शिक्षक की हत्‍या कर दी गई थी । उसके हत्‍यारों का पता न चलने पर पुलिस ने प्रकरण बंद कर दिया था । वास्‍तव में ३ लोग इस्‍लामिक स्‍टेट में भरती होना चाहते थे । यह प्रमाणित करने के लिए कि उसके पास एक काफिर को मारने की क्षमता है, उसने शुक्ला को मार डाला, जो तिलक लगाए हुए थे तथा हिन्‍दू पोशाक पहने हुए थे । उसने हत्‍या का जो वीडियो बनाया उसे इस्‍लामिक स्‍टेट के आतंकियों को भेजा । हाल ही में एक प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी न्‍यायालय ने तीनों को मृत्‍यु दंड की सजा सुनाई । तब यह सत्‍य सामने आया ।’

सिख संप्रदाय की स्‍थापना हिन्‍दू धर्म की रक्षा के लिए की गई थी ! – अनिलेश महाजन, उप संपादक, इंडिया टुडे

भगतसिंह को साम्‍यवादी के रूप में चित्रित किये जाने के विषय पर बोलते हुए अंग्रेजी समाचार चैनल ’इंडिया टुडे’ के उप संपादक श्री. अनिलेश महाजन ने कहा कि हममें से बहुत से लोग नहीं जानते कि भगत सिंह साम्‍यवादी नहीं थे । पिछले ८०-९०  वर्षों में यह कहानी रची गई कि कारावास के समय वे साम्‍यवादी बन गये थे; क्‍योंकि वे लेनिन से प्रभावित थे । यह एक ऐसा कथानक है जिसे इन लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार चुना है; क्‍योंकि भगत सिंह केवल एक पुस्‍तक नहीं अपितु 5 पुस्‍तकें पढ़ रहे थे । उन्‍होंने स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर का कार्य, महाराणा प्रताप का जीवन, हीर-रांझा की कथा तथा  रूसी क्रांति में लेनिन का नेतृत्‍व जैसी पुस्‍तकें पढीं थीं । हमें यह भी समझना होगा कि लेनिन उन साम्राज्‍यवाद-विरोधी शक्‍तियों के नायक थे जो उस समय देश को साम्राज्‍यवादियों से मुक्‍त कराने का प्रयास कर रहे थे।

(सौजन्य : World Hindu Congress) 

पंजाब में धर्मांतरण की बात करते हुए श्री. अनिलेश महाजन ने कहा, ’’मैंने अपने मंच का उपयोग यह उजागर करने के लिए किया कि पंजाब में धर्मांतरण हो रहा है. एक समय एक योद्धा समुदाय के रूप में प्रसिद्ध, सिख समुदाय ने ईसाई धर्म का एक कच्‍चा रूप अपना लिया है । पंजाब में एक बड़े सिख समुदाय को हिन्‍दू धर्म से अलग करने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है । हम सभी जानते हैं कि सिख संप्रदाय की स्‍थापना हिन्‍दू धर्म की रक्षा के लिए की गई थी । अब उस राज्‍य में सिखों को हिन्‍दू धर्म से दूर करने के बडे षड्‍यंत्र चल रहा है । इसलिए मैंने सिख समाज में हो रहे परिवर्तन के बारे में जानकारी प्रसारित की।’

अंतरराष्ट्रीय निधि के लिए भारत एक आकर्षक निवेश स्थल है ! – सुभाष ठाकरार, पूर्व अध्यक्ष, लंदन चैंबर ऑफ कॉमर्स

भारत में निवेश का स्वरूप बदल गया है । वैश्विक निवेश में भारत की भागीदारी २-३ प्रतिशत से बढ़कर १३-१५ प्रतिशत हो गयी है । भारत आज अंतरराष्ट्रीय निधि के लिए एक आकर्षक निवेश स्थल बन गया है । एक अच्छा उद्योगपति निधि के विभिन्न स्रोतों से सरलता से निवेश प्राप्त कर सकता है ।