फोंडा में संपन्न शोभायात्रा के समय प्राप्त अनुभव !
शोभायात्रा जब फोंडा शहर से जा रही थी, तब मजदूरी पर काम करनेवाले एक श्रमिक ने फेरी को भावपूर्ण नमस्कार किया । अन्य एक श्रमिक अपना काम छोडकर फेरी में सम्मिलित हुआ । इससे ‘भगवान को भाव प्रिय है’, इसकी प्रतीति हुई ।