शोभायात्रा में साधक ध्वज फहराते । श्रीमन्नारायण की महिमा गाते ।।

क्या वर्णन करें उन क्षणों का ! जीवन कृतार्थ होने का भान करानेवाले श्रीमन्नारायण के दर्शन के वो क्षण ! एक ओर श्रीमन्नारायण भक्तों से मिलने हेतु आतुर होकर प्रतीक्षारत थे, तो दूसरी ओर श्रीमन्नारायण से मिलने के लिए उनके भक्त हाथ जोडकर खडे थे । यह जीव और शिव की भेंट थी !

‘प्रसंग प्रत्यक्ष हो रहा है’, इसकी अनुभूति देने हेतु सजीव हुए परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के रथोत्सव के चैतन्यमय छायाचित्र !

जो साक्षात ईश्वर से संबंधित होता है, वह माया से संलग्न न होकर शाश्वत होता है । वह चिरंतन टिकनेवाला और आत्मानंद देनेवाला होता है । इसलिए सात्त्विक घटकों में सजीवता दिखाई देती है ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का महर्षि के प्रति शिष्यभाव एवं महर्षि का परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति ‘श्रीमन्नारायण के अवतार’ में आदरभाव !

रथोत्सव के दिन सवेरे सप्तर्षियों का संदेश आया, ‘श्रीमन्नारायण स्वरूप गुरुदेवजी ने हम सभी की प्रार्थना सुन ली है । प्रकृति अनुकूल हो गई है । मेघ पूर्ण रूप से गए नहीं थे; गुरुदेवजी ने उन्हें साधकों की दृष्टि से दूर ले जाकर रखा था । रथोत्सव समाप्त होने पर ये मेघ पुन: बरसेंगे ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए विभिन्न याग !

२४ मई २०२२ को जन्मोत्सव की अवधि में स्थित यज्ञों की शृंखला के अंतर्गत श्रीबगलामुखी याग संपन्न हुआ । इसमें महर्षियों द्वारा दिए गए बगलामुखी हवन मंत्र से करुंगली वृक्ष का चूर्ण और विभिन्न औषधीय मूलिकाओं के चूर्ण का हवन किया गया ।

श्रीमन्नारायण की भक्ति सिखानेवाला, चित्तवृत्ति जागृत करनेवाला दिव्य रथोत्सव !

श्रीमन्नारायण स्वरूप परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के रथोत्सव में विविध पथकों की साधक-साधिकाओं ने श्रीविष्णु का गुणसंकीर्तन कर श्रीविष्णु तत्त्व का आवाहन किया । अत्यंत अलौकिक ऐसे इस रथोत्सव में भाव, भक्ति एवं चैतन्य के वर्षाव की अनुभूति साधकों को हुई ।

सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ८० वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनोती मांगने तथा प्रार्थना उपक्रम

उपस्थित जिज्ञासुओं को गुरुदेवजी के हिन्दू राष्ट्रजागृति अभियान के बारे में श्रीमती मंजुला कपूर ने बताया । श्रीमती सुधा अरोडाजी ने हिन्दू राष्ट्र-स्थापना की दृष्टि से सामूहिक प्रार्थना ली ।

भक्तिमय वातावरण में सपंन्न श्रीविष्णु रूप में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का चैतन्यदायी ‘रथोत्सव’ !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का जन्मोत्सव साधकों के लिए आनंद एवं भक्तिभाव का सुनहरा पर्व ही होता है ! ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी, अर्थात २२ मई २०२२ के मंगल दिन पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का ८० वां जन्मोत्सव मनाया गया ।

पधारो नाथ पूजा को । हृदयमंदिर सजाया है ।।

जिन्होंने संपूर्ण विश्व की रचना की है, जिनके स्मरण मात्र से मनुष्य जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है, ऐसे भक्तवत्सल श्रीविष्णु को मैं बार-बार नमस्कार करता हूं ।

ट्विटर पर Paratpar Guru ट्रेंड दिनभर उच्च स्थान पर !

एकाध विषय ट्रेंड होने लगे, तो लगभग २ – ३ घंटों तक ही वह पहले ३० क्रमांकों में रहता है; पर Paratpar Guru की-वर्ड दिनभर राष्ट्रीय ट्रेंड पर था । इससे परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के नाम पर किए गए ट्रेंड का महत्त्व ध्यान में आता है ।

सप्तर्षियों की जीवनाडीपट्टिका में सनातन के तीन गुरुओं के विषय में गौरवोद्गार !

सनातन संस्था के तीन गुरु, अर्थात सच्चिदानंद परब्रह्म परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले, श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ! सनातन के साधकों को मिली ईश्वरीय संपत्ति है ।