GlobalSpiritualityMahotsav : ‘हार्टफुलनेस’ के मार्गदर्शक कमलेशजी पटेल को ‘शांति तथा आस्था के वैश्विक राजदूत’ पुरुस्कार प्रदान किया गया !

  • वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव !

  • ‘राष्ट्रमंडल’ के महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड तथा भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संयुक्त रूप से पुरस्कार प्रदान किया !

श्री कमलेशजी पटेल को पुरस्कार प्रदान करते हुए बाएं से ‘राष्ट्रमंडल’ महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड तथा भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ।

भाग्यनगर (तेलंगाना) – यहां चल रहे ‘ग्लोबल स्पिरिचुअलिटी फेस्टिवल’ की आयोजक संस्था ‘हार्टफुलनेस’ के मार्गदर्शक दाजी (कमलेशजी पटेल) को राष्ट्रमंडल संगठन द्वारा सम्मानित किया गया । ‘राष्ट्रमंडल’ महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड तथा भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने संयुक्त रूप से दाजी को ‘शांति तथा आस्था के वैश्विक राजदूत’ पुरस्कार से सम्मानित किया । यहां के ‘कान्हा शांति वनम’ क्षेत्र में ४ दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया । अंतिम दिन १७ मार्च को पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया ।

सभी के आध्यात्मिक कल्याण के लिए कमलेशजी पटेल द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय हैं ! – पेट्रीसिया स्कॉटलैंड, राष्ट्रमंडल संगठन

इस अवसर पर पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा कि कमलेशजी पटेल (दाजी) की दूरदर्शिता, ईमानदारी तथा अथक परिश्र्म के कारण कभी सूखाग्रस्त क्षेत्र आज हरा-भरा हो गया है । प्रकृति से ये मित्रता महत्त्वपूर्ण है । ‘राष्ट्रमंडल’ ५६ देशों तथा ढाई अरब लोगों का परिवार है । दाजी शांति, सद्भाव तथा आपसी सम्मान की हमारी साझा भावना का प्रतीक है । उनका ज्ञान तथा उनकी करुणा, साथ ही सभी के आध्यात्मिक कल्याण के लिए उनके प्रयास सराहनीय हैं ।

सभी नागरिक पुरस्कार वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित होते हैं ! – जगदीप धनखड, उपाध्यक्ष

एक समय था जब किसी व्यक्ति को पुरस्कार देने के मानदंड अतार्किक थे । समय में परिवर्तन हुआ है । आज सभी नागरिक पुरस्कार वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित हैं । दाजी को इस कारण ’पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया गया; परंतु इस पुरुस्कार से भी अधिक लाखों लोग उन्हें ‘दाजी’ कहकर बुलाते हैं, यही सबसे बडा पुरुस्कार है !

यह पुरस्कार मेरी संस्था का है ! – कमलेशजी पटेल (दाजी)

इस समय दाजी ने कहा कि आज मैं मन तथा बुद्धि से आभार व्यक्त करता हूं । यह पुरस्कार मेरी संस्था का है, मेरा नहीं । अब हमारे साथ ३०० आध्यात्मिक संगठनों की शक्ति है । हम सभी प्रेम, आदर, विश्वास तथा सम्मान के साथ एकत्र आए हैं ।’