प्रथम नमन आपको गणेशजी !

श्री गणपति में शक्ति, बुद्धि एवं संपत्ति, ये तीन सात्त्विक गुण हैं । वे भक्तों पर अनुकंपा करनेवाले हैं । श्री गणपति विद्या, बुद्धि एवं सिद्धि के देवता हैं । वे दुखहरण करनेवाले हैं; इसीलिए प्रत्येक मंगलकार्य के आरंभ में श्री गणेश की पूजा की जाती है । विद्यारंभ में तथा ग्रंथारंभ में भी श्री गणेश का स्तवन करते हैं ।

सर्वत्र आदर्श गणेशोत्सव मनाने संबंधी चलाए जानेवाले अभियान में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर श्री गणेश की कृपा प्राप्त करें !

समिति सात्त्विक गणेशमूर्ति के आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय लाभ के विषय में समाज का उद्बोधन कर रही है । असात्त्विक मूर्ति की अपेक्षा खडिया मिट्टी की मूर्ति से गणेशतत्त्व प्रक्षेपित होता है, जिससे गणेशभक्तों को अधिक लाभ होता है । इस संदर्भ में अन्यों का उद्बोधन कर गणेशभक्त सात्त्विक गणेशमूर्ति का प्रसार कर सकते हैं ।

गणेशोत्सव के अवसर पर गांव जाते समय, साथ ही अन्य समय यात्रा करते समय यथासंभव सनातन संस्था के ग्रंथ, लघुग्रंथ आदि साथ में रखकर उनका प्रसार करें !

कुछ साधकों एवं धर्मप्रेमियों ने यात्रा करते समय साथ में सनातन के कुछ ग्रंथ एवं लघुग्रंथ रखे थे । उन्होंने आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सहयात्रियों को ग्रंथ दिखाए एवं उनमें विद्यमान जानकारी देकर प्रसार किया । सहयात्रियों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया ।’

Mumbai HC On POP IDOLS : सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में पीओपी गणेश प्रतिमाएं स्थापित न करने की पाबंदी जोडें !

इस प्रकार का दंड का प्रावधान करने की आवश्यकता है कि मूर्ति बनाने वालों एवं पीओपी द्वारा बनाई गई मूर्तियों का उपयोग करने वालों पर दंड लगाया जाए। ऐसा करने से अगली बार से पीओपी की मूर्तियां नहीं बनेंगी।

Ganeshotsav 2024 : नाशिक में प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्ति तैयार करनेवाले ७ मूर्तिकारों पर कार्यवाही !

प्रत्येक मूर्तिकार से १० सहस्र रुपए दंड वसूल किया गया है । कहा जाता है कि ‘नागरिक जागृत बनें’, इस हेतु ये कार्यवाही की गई ।

Ganesh Visarjan : धर्मशास्त्रानुसार श्री गणेशजी की मूर्ति विसर्जन करने का शास्त्र 

श्री गणेश चतुर्थी के समय हम शास्त्रानुसार श्रीगणेश जी की विधिविधान से पूजा करते हैं । जिसके परिणामस्वरूप श्री गणेशजी की मूर्ति में अधिकाधिक श्री गणेश तत्त्व तथा चैतन्य आकर्षित होता है । जब वह मूर्ति हम बहते जल में प्रवाहित करते हैं तब उसका चैतन्य बहते जल के द्वारा दूर दूर तक पहुंचता है ।

Ganesh Chaturth : गणेश जी को गुडहल का लाल पुष्प अर्पित करें !

लाल रंग के गुडहल के पुष्प के रंगकणों एवं गंधकणों के कारण ब्रह्मांड से गणेशतत्त्व उसकी ओर आकर्षित होते हैं ।

Ganeshotsav : श्री गणेशजी को दूर्वा अर्थात दूब घास क्यों चढाई जाती है ?

गणपति को अर्पित की जानेवाली दूर्वा कोमल होनी चाहिए । दूर्वा की पत्तियां ३, ५, ७ अथवा २१ की विषम संख्या में हों ।

Ganapati : गणेश चतुर्थी के दिन क्यों निषेध है चंद्र दर्शन !

‘श्री गणेश चतुर्थी’ पर चंद्र को नहीं देखा जाता । इस दिन चंद्र का दर्शन करना वर्जित होता है । ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो चंद्र दर्शन करता है वह मिथ्या आरोप से कलंकित होता है ।

Ganapati : भग‍वान श्री गणेश मूर्ति की स्थापना विधि !

मूर्ति घर पर लाने के उपरांत उनकी स्थापना के लिए एक सुंदर चौकी लें । उस पर चावल (अक्षत) का छोटा सा पुंज बनाएं अथवा थोडे से चावल रखें । उसके उपरांत उनपर मूर्ति की स्थापना करें ।