रामराज्य की बेला…!
मंदिर के माध्यम से रामतत्त्व कार्यरत होगा तथा उसके लिए आध्यात्मिक प्रेरणा मिलेगी । अतएव रामभक्त अब अपनी उपासना की गति बढाएं तथा राष्ट्रोत्थान के कार्य में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए संगठित रूप से समर्पित हो जाएं, तो रामराज्य की प्रभात दूर नहीं !