छात्र-साधको, गर्मियों की छुट्टियों में चैतन्यदायक आश्रम जीवन का अनुभव करें तथा अंतर्मन में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के लिए पात्र बनें !

साधक-अभिभावको, हमारे बच्चे तो हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी हैं ! इस पीढी को सुसंस्कृत करना तथा उनके मन में साधना का बीज बोना आवश्यक है । अगली पीढी को अभी से तैयार किया गया, तो ये बच्चे हिन्दू राष्ट्र के आदर्श नागरिक बनेंगे !

किसी भी अनजान व्यक्ति को व्यक्तिगत जानकारी देना टालें !

‘एक राज्य के एक शहर में एक साधिका के घर घरेलू गैस पाइप का काम करने के लिए एक व्यक्ति आया था । उस व्यक्ति ने अपना काम करते हुए साधिका से होशियारी से संवाद करते हुए अनेक प्रश्न पूछे । इसके द्वारा संबंधित साधिका की सिलसिलेवार जानकारी ली गई ।

हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी का ओडिशा एवं झारखंड राज्य में ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति संपर्क अभियान’

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी एवं श्री. शंभू गवारे ने क्रमशः ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में साधना की आवश्यकता’ तथा ‘हलाल (जो इस्लाम के अनुसार वैध है, वह) अर्थव्यवस्था की भीषणता’ विषयों पर उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया ।

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा उद्योगपति चंद्रकांत रायपत ने किया वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन !

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा रांची के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री. चंद्रकांत रायपत तथा उनके सहयोगियों ने कुछ ही दिन पूर्व वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन किया ।

केंद्र सरकार संवैधानिक मार्ग से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

राजनैतिक दृष्टि से वर्तमान काल यद्यपि अनुकूल है; परंतु सुरक्षा की दृष्टि से काल प्रतिकूल है । हिन्दू राष्ट्र की मांग प्रतिदिन बढती जा रही है ।

पू. राम बालकदास महात्यागीजी के करकमलों से राजीम कुंभपर्व (छत्तीसगढ) में सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी का उद्घाटन !

सनातन संस्था द्वारा राजीम कुंभपर्व में धर्म एवं अध्यात्म पर आधारित ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई, साथ ही धर्मशिक्षा फलकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई । पाटेश्वरधाम के संत पू. राम बालकदास महात्यागीजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया ।

जमशेदपुर (झारखंड) में आयोजित स्वदेशी मेला में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ एवं उत्पाद प्रदर्शनी !

सनातन संस्था की प्रदर्शनी पर संस्था द्वारा प्रकाशित साधना, आचारधर्म, बालसंस्कार, आहार, हिन्दू राष्ट्र आदि कई विषयों पर ग्रंथ उपलब्ध है । साथ ही संस्था द्वारा निर्मित सात्त्विक उत्पाद तथा पूजासामग्री भी यहां उपलब्ध है ऐसी जानकारी संस्था द्वारा दी गई है ।

मुजफ्फरपुर (बिहार) में शिव जयंती के उत्सव में सनातन संस्था का रहा सहभाग

इस उत्सव में सनातन संस्था की ओर से मार्गदर्शन किया गया । इस अवसर पर सनातन संस्था की साधिका श्रीमती मनीषा मिश्रा ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श सामने रखकर कैसे कार्य करना चाहिए ?’, इस विषय में मार्गदर्शन किया ।

साधकों को संतों के सत्संग में कुछ न बोलना हो, तब भी सत्संग से होनेवाले लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें सत्संग में बैठना चाहिए !

‘संत अर्थात ईश्वर का सगुण रूप ! ‘उनका सत्संग मिलना’ साधकों का अहोभाग्य ही है । संतों के सत्संग में रहने पर उनमें विद्यमान ईश्वरीय चैतन्य का साधकों को लाभ मिलता रहता है ।

स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन हेतु निरंतर प्रयासरत तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति अपार भाव एवं दृढ श्रद्धा रखनेवालीं कतरास (झारखंड) की सनातन की ८४ वीं (समष्टि) संत पू. (श्रीमती) सुनीता खेमकाजी (आयु ६३ वर्ष) !

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी एवं श्री. शंभू गवारे ने क्रमशः ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में साधना की आवश्यकता’ तथा ‘हलाल (जो इस्लाम के अनुसार वैध है, वह) अर्थव्यवस्था की भीषणता’ विषयों पर उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया ।