रामराज्य की बेला…!

मंदिर के माध्यम से रामतत्त्व कार्यरत होगा तथा उसके लिए आध्यात्मिक प्रेरणा मिलेगी । अतएव रामभक्त अब अपनी उपासना की गति बढाएं तथा राष्ट्रोत्थान के कार्य में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए संगठित रूप से समर्पित हो जाएं, तो रामराज्य की प्रभात दूर नहीं !

वामपंथी इतिहासकारों ने लोगों को भ्रमित किया ! – के.के. मोहम्मद, पूर्व निदेशक, भारतीय पुरातत्व विभाग

इस खुदाई में हमें मंदिर के स्तंभों के नीचे ईटों की एक रचना दिखी । मुझे मस्जिद की दीवार में मंदिर के स्तंभ दिखाई दिए । स्तंभ के निचले भाग में ११ वीं एवं १२ वीं शताब्दी के मंदिर में दिखनेवाले संपूर्ण कलश दिखाई दिए ।

श्रीराम मंदिर के निर्माणकार्य में महत्त्वपूर्ण एवं प्रस्तावित घटनाएं

९ नवंबर २०१९ को सर्वोच्च न्यायालय की ५ न्यायाधीशों की खंडपीठ ने राममंदिर के निर्माण हेतु रामजन्मभूमि की २.७७ एकड भूमि देने का निर्णय दिया ।

सभी हिन्दू मंदिर स्वतंत्र होंगे, उस दिन भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने से कोई नहीं रोक सकता ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी, सर्वाेच्च न्यायालय

रामजन्मभूमि के अभियोग (मुकदमे) में हिन्दू महासभा की ओर से सर्वाेच्च न्यायालय में पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी ने अभियोग लडा था । अयोध्या में निर्माण होनेवाले श्रीराम मंदिर और पुन: नए सिरे से बनाई जानेवाली बाबरी मस्जिद के विषय में उनके द्वारा प्रस्तुत भूमिका यहां दे रहे हैं ।

रामराज्य तथा उसकी प्रजा कैसी थी ? – श्री. दुर्गेश जयवंत परुळकर, हिन्दुत्वनिष्ठ व्याख्याता तथा लेखक, डोंबिवली, मुंबई

श्रीराम के कार्यकाल में विधवा स्त्रियों का विलाप सुनाई नहीं देता था । किसी भी हिंस्र पशु का किसी को उपद्रव नहीं होता था, साथ ही समस्त जनता स्वस्थ थी । उस काल में चोरी, मारपीट, डाका जैसी घटनाएं नहीं होती थी ।

अयोध्या का राममंदिर और इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जानेवाला सोमपुरा घराने का अद्वितीय कार्य !

अयोध्या के राममंदिर का ढांचा (डिजाइन) वास्तु शिल्पकार श्री. चंद्रकांत सोमपुरा (आयु ८० वर्ष) ने बनाया ! श्री. चंद्रकांत सोमपुरा ने ३० वर्षाें से भी अधिक काल तक राममंदिर कैसा होना चाहिए, इसपर मन:पूर्वक चिंतन और परिश्रम किए हैं ।

विहिप हनुमानजी के समान राममंदिर के लिए ४ दशक लडी; परंतु कभी श्रेय नहीं लिया ! – विनोद बंसल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विहिप

अयोध्या का नाम आते ही भगवान श्रीराम की जन्मभूमि और उसके लिए निरंतर संघर्ष करनेवाले एक संगठन का नाम अनायास ही मानस पटल पर उभर आता है । और वह है, विश्व हिन्दू परिषद ! आइए, राममंदिर निर्माण का इतिहास जानते हैं, इन्हीं से !

राममंदिर में गूंजेगी दक्षिण भारत की घंटा !

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राममंदिर का निर्माणकार्य पूर्ण होने को है । अयोध्या के राममंदिर में १०८ घंटा लगाई जाएंगी तथा इसके लिए तमिलनाडु के नमक्कल जिले के ‘श्री अंदल मोल्डिंग वर्क्स’ को ये घंटा बनाने का कार्य सौंपा गया है ।

देवताओंकी उपासना भक्तिभावसे करनेके लिए बतानेवाले सनातनके लघुग्रन्थ

श्रीरामकी विविध गुण-विशेषताएं क्या हैं ?, रामायणके कुछ नामोंका भावार्थ, रामायणके अनेक प्रसंगोंका भावार्थ ये सब पढने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ ‘श्रीराम’

कारसेवा की अवधि में तत्कालीन बिहार राज्य में हिन्दुओं की रक्षा हेतु किया अतुलनीय कार्य !

रामजन्मभूमि आन्दोलन के संदर्भ में डॉ. नील माधव दासजी के अनुभव