बलात्कार पीडिता पर अन्याय करनेवाला गुवाहाटी उच्च न्यायालय का निर्णय !
सच में तो घृणास्पद अभियोगवाले अभियुक्त को प्रतिभू न मिले तथा उसे अधिक से अधिक कडा दंड मिले, इसके लिए शासन आगे आए और सर्वाेच्च न्यायालय में जाकर पीडिता के अधिकारों की रक्षा करे ।
सच में तो घृणास्पद अभियोगवाले अभियुक्त को प्रतिभू न मिले तथा उसे अधिक से अधिक कडा दंड मिले, इसके लिए शासन आगे आए और सर्वाेच्च न्यायालय में जाकर पीडिता के अधिकारों की रक्षा करे ।
बॉलीवुड में निवेशित सारा पैसा अपराध जगत का है । इसीलिए जानबूझकर हिन्दू धर्म को निशाना बनानेवाले चलचित्र एवं वेबसीरीज बनाई जा रही हैं । इस माध्यम से हजारों करोड रुपए का काला धन सफेद किया जा रहा है ।
पाकिस्तान और चीन ने तालिबान को युद्ध हेतु सहायता की थी । इसीलिए तालिबान ने पाकिस्तान और चीन को शपथविधि समारोह का निमंत्रण भेजा । अर्थात तालिबान द्वारा उन्हें निमंत्रित करना स्वाभाविक ही था ।
वर्तमान में आश्रम के रोगी-साधकों को ‘सोनोग्राफी’ जांच हेतु ४ कि.मी. अंतर पर स्थित फोंडा शहर अथवा २० कि.मी. अंतर पर स्थित मडगांव शहर में निजी स्थानों पर भेजना पडता है । इसलिए अब रामनाथी आश्रम में ‘सोनोग्राफी जांच यंत्र’ उपलब्ध होना अति आवश्यक है ।
गुण्डे, बलात्कारी, धर्मांध आदि से अपनी और बहू-बेटियों की, तथा राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा करने हेतु ‘स्वरक्षा प्रशिक्षण’ सीखना आवश्यक है ।
स्वयं ग्रंथ खरीदने के साथ ही मित्र-परिवार और अन्य परिचितों को भी ग्रंथ खरीदने के साथ ही उसका प्रचार करने के लिए प्रेरित करें !
एक ही समय में १० अथवा उससे अधिक ग्रंथ खरीदनेवाले ऐसे जिज्ञासुओं की अलग सूची जिले में बनाएं । साथ ही जब सनातन का कोई नूतन ग्रंथ प्रकाशित हो, तब उन्हें संपर्क कर वह नूतन ग्रंथ दिखाने की व्यवस्था करें ।
आधुनिक शिक्षा प्रत्यक्ष ज्ञान और परोक्ष ज्ञान पर ही आधारित होकर अपने ज्ञान को सीमित कर लेती है । अंतःकरण की वृत्तियां भी ज्ञान का प्रतिपादक होती हैं । ज्ञान, चार प्रकार का होता है – प्रत्यक्ष परोक्ष, अपरोक्ष और साक्षात अपरोक्ष ।
श्रीमद्गवद्गीता, महाभारत आदि धर्मग्रंथ ईश्वरीय वाणी द्वारा साकार हुए हैं; इसलिए उनमें चैतन्य है, उसी प्रकार सनातन के ग्रंथ भी ईश्वरीय संकल्प द्वारा साकार हुए हैं । वेदों के समान महतीवाले ये ग्रंथ स्वयंभू चैतन्य के स्रोत हैं ।
कोजागरी पूर्णिमा का उत्सव आश्विन पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है । श्रीमद्भागवत के कथनानुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने व्रजमंडल में रासोत्सव मनाया था ।