सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

 जिन्हें अध्यात्म के प्रति रुचि है उन्हें ईश्वरप्राप्ति शीघ्र कराने हेतु तथा संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म का शास्त्रीय परिभाषा में प्रचार करने के उद्देश्य से, सनातन ने मई २०२१ तक ३३८ अनमोल ग्रंथों का प्रकाशन किया है, भविष्य में हजारों ग्रंथ प्रकाशित होंगे ।

गुरुपूर्णिमा के शुभ दिन पर लोकार्पण हुए सनातन के ग्रंथ एवं प्रथम ‘ई-बुक’ !

सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सवों में सनातन के संतों के करकमलों द्वारा ‘व्यष्टि एवं समष्टि साधना, आध्यात्मिक कष्ट एवं आपातकाल के विषय में उपाय’ इन विषयों पर आधारित हिन्दी, कन्नड और अंग्रेजी भाषा के ग्रंथों का लोकार्पण किया गया ।

कोरोना विषाणु के प्रादुर्भाव में उत्पन्न आपातकालीन स्थिति में ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ की पूजा कैसे करें ?

कोरोना विषाणुओं से प्रभावित क्षेत्रों में जहां संचार बंदी (लॉकडाउन) है, वहां एकत्र आकर पूजा करना संभव नहीं होगा । इसलिए एकत्र न आते हुए अपने-अपने घरों में ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कैसे कर सकते हैं, इसका इस लेख में प्रमुख रूप से विचार किया है ।

रक्षाबंधन

श्रावण पूर्णिमा अर्थात इस वर्ष २२ अगस्त को रक्षाबंधन है । रक्षाबंधन त्योहार के दिन बहन अपने भाई की आरती कर प्रेम के प्रतीक के रूप में उसे राखी बांधती है । भाई अपनी बहन को भेंटवस्तु देकर उसे आशीर्वाद देता है ।

कोरोना का बुखार एवं उसके लिए किए जानेवाले आयुर्वेदीय उपचार

बुखार आना आरंभ होने पर लंघन करें (भूखे रहें), बुखार में पाचनशक्ति बढानेवाली औषधियां दें, बुखार उतरना आरंभ हो, तो समूल नष्ट होने तक औषधि दें और बुखार आना पूर्णरूप से रुकने पर विरेचन (दस्त की औषधि) दें, ऐसा बताया गया है ।

सर्वाेत्तम शिक्षा क्या है ?

आधुनिक युग की सबसे बडी समस्या यह है कि अधिकांश समाज आत्मा को जानता नहीं (या ठीक से नहीं जानता) और न ही इसे जानने की इच्छा रखता है ।

अध्यात्म

अध्यात्म विषयक बोधप्रद ज्ञानामृत’ लेखमाला से भक्त, संत तथा ईश्वर, अध्यात्म एवं अध्यात्मशास्त्र तथा चार पुरुषार्थ ऐसे विविध विषयों पर प्रश्नोत्तर के माध्यम से पू. अनंत आठवलेजी ने सरल भाषा में उजागर किया हुआ ज्ञान यहां दे रहे हैं ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

श्रीगुरु ने भक्त, शिष्य एवं साधकों को जन्म-जन्म से तत्त्वरूप में संभाला है । ऐसे प्रीतिस्वरूप एवं भक्तवत्सल गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस अर्थात गुरुपूर्णिमा

जो साधना के रूप में लेखन करते हैं, उनसे ही गुरु लेखन-कार्य करवाते हैं ! – वैज्ञानिक एवं लेखक डॉ. मोहन बांडे

प्रत्येक साधक के जीवन में गुरु विविध माध्यम से आते हैं । सभी संत भले ही अलग-अलग दिखाई दें, तब भी वे अंदर से एक ही होते हैं । किससे कौनसी साधना करवानी है, यह उन्हें पता होता है ।

कांदळी (पुणे) में प.पू. भक्तराज महाराजजी के समाधिस्थल पर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में संपन्न !

सनातन संस्था के श्रद्धाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराजजी के कांदळी के समाधिस्थल पर २३ जुलाई को कोरोना के सर्व नियमों का पालन कर गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया ।