पाठक, शुभचिंतक और धर्मप्रेमियों से विनंती !
पूरे देश में ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ के माध्यम से सनातन के ग्रंथ अधिकाधिक जिज्ञासुओं तक पहुंचाने के लिए साधक प्रयासरत हैं । धर्मप्रसार के कार्य में सहभागी होना अर्थात ईश्वरीय कृपा संपादित करना ! इसीलिए इस अभियान में आप भी यथाशक्ति सहभागी हों !
इस हेतु स्वयं ग्रंथ खरीदने के साथ ही मित्र-परिवार और अन्य परिचितों को भी ग्रंथ खरीदने के साथ ही उसका प्रचार करने के लिए प्रेरित करें !
इस अभियान में सहभागी होने के लिए सहायता चाहिए हो, तो अपने परिचित साधकों से संपर्क करें ।