रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की ३४५ वीं शिवाजी पुण्यतिथि का उत्सव

रायगढ़ – छत्रपति शिवाजी महाराज जी की ३४५ वीं पुण्यतिथि है । मैंने शिवाजी की जीवनी पढ़ी है । माता जीजाबाई ने न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया, अपितु स्वराज्य, स्वधर्म एवं भाषा के पुनरुद्धार की प्रेरणा भी दी । उन्होंने बालक शिवाजी को संपूर्ण देश को एकजुट करने और स्वतंत्र कराने का विचार दिया, साथ ही हिन्दू स्वराज्य की स्थापना के लिए भी प्रेरित किया । इसीलिए मैं मां साहेब को प्रणाम कर रहा हूं । शिवाजी की कहानी हर भारतीय को, हर बच्चे को सिखाई जानी चाहिए । मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि छत्रपति शिवाजी महाराज जी को महाराष्ट्र तक सीमित न रखा जाए । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश और दुनिया उनसे प्रेरणा ले रही है । वह रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज जी के ३४५ वें शिवाजी पुण्यतिथि समारोह में बोल रहे थे । इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी उपस्थित थे । इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित सभी सांसद, विधायक और अन्य नेता उपस्थित थे ।
उन्होंने कहा,…
१. मैं कई वर्षों के उपरांत यहां आया हूं । मैं सिंहासन को नमन करते हुए जो भावनाएं अनुभव करता हूं, उन्हें व्यक्त नहीं कर सकता । मैं आज उन लोगों की सभा में खड़ा हूं जिन्होंने आत्मसम्मान, स्व-शासन और म्रुत्यु इनकी जिजीविषा (जीवन जीने की इच्छा ) निर्माण की । मैं इसे शब्दों में वर्णित नहीं कर सकता ।
२. जब छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जन्म हुआ, तब देश की जनता अंधकार में थी । स्वराज का विचार भी किसी के मन में नहीं आ सका । दक्षिण भी घिर गया । इसलिए लोग स्वशासन और स्वधर्म को अपराध मानने लग, लेकिन १२ वर्ष के लड़के ने सिंधु से कन्याकुमारी तक भगवा फहराने का प्रण लिया ।
३. मैंने कई नायकों की जीवनी पढ़ी, शिवाजी ने अदम्य इच्छाशक्ति, महान रणनीति और समाज के सभी लोगों को एकजुट करके एक अपराजित सेना का निर्माण किया और उसे सफल बनाया ।
४. छत्रपति के वंशज अटक से कटक और साथ ही बंगाल तक गए । यह दक्षिण में कर्नाटक तक भी पहुंच गये । तब लोगों ने सोचा, ‘देश अब स्वतंत्र हो जाएगा’ देश बच गया, भाषा बच गई । यही कारण है कि आजादी के उपरांत हम विश्व में अपना स्थान बना पाए हैं ।
५. स्वधर्म पर गर्व, स्वराज्य की आकांक्षा और स्वभाषा को अमर बनाना, इनका देश की सीमाओं से कोई संबंध नहीं है । ये मानव जीवन के आत्मसम्मान से जुड़े हैं । ये छत्रपती शिवाजी ही थे जिन्होंने ये विचार विश्व के सामने रखे । जब आक्रमणकारियों ने हम पर अधिकार कर लिया और गुलामी की मानसिकता निर्माण कर दी, तब छत्रपति शिवाजी महाराज जी ने ये विचार दिए ।
६. हम रायगढ़ से संकल्प ले रहे हैं कि जब हमारी स्वतंत्रता के १०० वर्ष होंगे, तब भारत विश्व में नंबर एक के स्थान पर होगा ।
७. छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद औरंगजेब आया, लेकिन तब तक छत्रपति संभाजी महाराज, छत्रपति राजाराम महाराज, तरारानी, संताजी और धनाजी ने युद्ध करके यहीं उनकी समाधि बना दी ।
८. हमारी सरकार रायगढ़ को केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, प्रेरणा स्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है । कक्षा ७ से १२ तक के प्रत्येक छात्र को कम से कम एक बार इस प्रेरणादायक स्थान पर अवश्य जाना चाहिए ।
राष्ट्रीय नायकों का अपमान करने वालों को दंडित करने के लिए कानून बनाया जाएगा – देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री![]() मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस अवसर पर घोषणा की कि राष्ट्रीय नायकों का अपमान करने वालों को दंडित करने के लिए कानून बनाया जाएगा तथा सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज जी का प्रमाणित इतिहास प्रकाशित करेगी । उन्होंने कहा कि सांसद उदयनराजे ने कुछ मांगें रखी थीं । छत्रपति का अपमान करने वालों को कठोर दंड मिलना चाहिए । वास्तव में, उन्हें किनारे कर देना चाहिए, लेकिन आज हम एक लोकतंत्र में रहते हैं । इसलिए इस संबंध में नियम बनाने का कार्य किया जाएगा । छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का मुद्दा अब सर्वोच्च न्यायालय से उच्च न्यायालय तक आ गया है । हम इस प्रकरण को उच्च न्यायालय में लड़ेंगे एवं स्मारक बनाने की अपनी मांग में सफल होंगे । |
छत्रपति शिवाजी महाराज जी के कारण संपूर्ण भारत में भगवा शासन
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बिना हम कुछ नहीं होते, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमारे भीतर की प्रतिभा को जगाने का कार्य किया । उन्होंने विभिन्न जातियों के लोगों को एकजुट करके उनके भीतर की प्रतिभा को जागृत किया । उन्होंने मावलों (सैनिकों ) को एकजुट किया तथा हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की । सम्पूर्ण भारत में भगवा शासन शिवाजी महाराज के कारण ही आया ।
हमारा अस्तित्व केवल छत्रपति शिवाजी महाराज जी के कारण है – एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री

छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन बहुत लंबा नहीं था । अगर महाराज २०-३० वर्ष और रहते तो देश का इतिहास बदल जाता । छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य का तोरण बनवाया था । यदि इसका निर्माण नहीं हुआ होता तो हम आज भी परतंत्रता में जी रहे होते । कोई यह नहीं भूल सकता कि हमारा अस्तित्व केवल छत्रपति शिवाजी महाराज जी के कारण है । शिवाजी ने तलवार उठा ली, लेकिन इसे निर्दोष लोगों के खून से रंगने नहीं दिया । इसलिए उनकी रणनीति में खून की नहीं, अपितु मानवता की गंध आती है ।
एकनाथ शिंदे ने अमित शाह की उनके कार्यों जैसे अनुच्छेद ३७० को हटाना, वक्फ बोर्ड विधेयक के समय उनका भाषण, आतंकवादियों का तुष्टिकरण तथा आतंकवादी आक्रमण के सूत्रधार तहव्वुर राणा को भारत लाना आदि के लिए उनकी प्रशंसा की ।