‘येशू ख्रिस्त ही एकमात्र भगवान हैं तथा अन्य कोई भी देवता अथवा देवी (शक्ति) नहीं है !’
राहुल गांधी को ‘यह विधान मान्य है अथवा नहीं’, उन्हें यह सार्वजनिक (जाहिर) रूप से भारतीयों को बताना चाहिए, अन्यथा उन्हें यह विधान मान्य है, ऐसा ही समझा जाएगा !
राहुल गांधी को ‘यह विधान मान्य है अथवा नहीं’, उन्हें यह सार्वजनिक (जाहिर) रूप से भारतीयों को बताना चाहिए, अन्यथा उन्हें यह विधान मान्य है, ऐसा ही समझा जाएगा !
जब सत्य को न तो स्वीकारा जा सकता है और न ही उसे नकारा, तब मौन रहना पडता है; यही पाकिस्तान ने दिखा दिया । । पाकिस्तानी राजदूत के मौन से विश्व के ध्यान में आया है कि पाकिस्तान में क्या चल रहा है !
बालीवुड अर्थात हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अनादर करने का एक माध्यम ! इस प्रकार के हिन्दू विरोधी चलचित्रों का यदि हिन्दू बहिष्कार करते हैं, तो इसमें आश्चर्य कैसा ?
हिन्दुओं के धर्मग्रंथों में क्या कहा है, इसकी अपेक्षा इस अधिकारी को उसके धर्मग्रंथ में क्या कहा है और वे प्रत्यक्ष में कर क्या रहे हैं, इस विषय में बोलना चाहिए !
हिन्दुओं के मंदिरों पर कौन आक्रमण करता है, यह जगजाहिर होते हुए भी एक भी धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी इस विषय में मुंह नहीं खोलते !
हिन्दू अब जागृत होने के कारण वे इस प्रकार के वैध मार्ग से विरोध कर अपनी धार्मिक भावनाओं पर ध्यान देने के लिए बाध्य कर रहे हैं, यह प्रशंसनीय है !
जिन्हें यह नहीं ज्ञात कि ‘भगवान कौन और राक्षस कौन?’ वे समाज को क्या दिशा देंगे ? ऐसी राक्षसी मानसिकता वाले राजनेताओं को आजीवन कारागृह में डाल देना चाहिए !
गुरुग्राम (हरियाणा) में जी.डी. गोयंका विश्वविद्यालय के एक कक्ष में मुसलमान विद्यार्थियों के नमाज पढने का हिन्दू विद्यार्थियों ने विरोध किया ।
धर्म, देवता आदि के अनादर के विषय में भारत में कठोर कानून न होने से किसी को भी इसकी धाक नहीं । पाकिस्तान में ऐसे अनादर के लिए फांसी का दंड दिया जाता है । भारत में ऐसा कब होगा ?
‘कोयंबतूर भारत में है अथवा पाकिस्तान में ?’, किसी के भी मन में ऐसा प्रश्न उपस्थित हो सकता है !