Mahakumbh Hindu Rashtra Adhiveshan : महाकुंभ के समय ‘हिन्दू राष्ट्र के संविधान’ का प्रारूप का प्रस्तुत !

प्रयागराज कुंभपर्व २०२५

  • काली सेना एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में सार्वजनिक समर्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ !

  • धर्म आधारित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना एवं संचालन हेतु पहल करने का संतों का संकल्प !

‘हिन्दू राष्ट्र के संविधान’ के प्रारूप का प्रकाशन करते हुए व्यासपीठ पर उपस्थित संत-महंत

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), ४ फरवरी (वार्ता) – कुछ दिन पहले करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के महाकुंभ पर्व के दौरान संतों ने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की थी । अगले चरण में ४ फरवरी को संतों की पूज्य उपस्थिति में हिन्दू राष्ट्र के संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया गया । उद्घाटन कार्यक्रम काली सेना और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में हुआ । सम्मेलन का आयोजन सेक्टर ९ स्थित शांभवी पीठ के काली सेना शिविर में किया गया । इस अवसर पर उपस्थित संतों ने धर्म आधारित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना एवं संचालन हेतु पहल करने का संकल्प लिया ।

(बाएं से) श्री. सुनील घनवट, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी , आचार्य महामंडलेश्वर प्रकाश आनंदजी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री १००८ अवधूत बाबा अरुण गिरीजी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर जागृत चेतना गिरीजी, शांभवी पीठाधीश्वर श्री स्वामी आनंद स्वरुपजी महाराज, पूज्य त्रिलोकीनाथजी, स्वामी कामेश्वर पुरी जी महाराज, सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी

इस सत्र में बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिन्दुओं पर बढ़ते अत्याचारों पर चर्चा होगी; बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों से भारत की आंतरिक सुरक्षा को संकट; काशी, मथुरा एवं अन्य मंदिरों की मुक्ति के लिए कानूनी लड़ाई; हिन्दू मंदिरों का सरकारीकरण; पूरे भारत में त्योहारों के समय हिन्दुओं पर आक्रमण; संतों और महंतों ने लव जिहाद, धर्मांतरण, आतंकवाद, दंगे आदि मुद्दों पर मंथन किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुनील कदम ने सत्र का संचालन किया । पूरा क्षेत्र संतों और श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे ‘जयतु जयतु हिन्दू राष्ट्रम ‘, ‘सनातन वैदिक हिन्दू धर्म की जय हो’, ‘जय श्री राम’, ‘भारत हिन्दू राष्ट्र है’, ‘हिन्दू राष्ट्र होगा’ आदि नारों से गूंज उठा ।

अधिवेशन के लिए उपस्थित हिन्दू श्रद्धालु

‘हम हिन्दू हैं’ गीत का लोकार्पण ! 

इस अवसर पर हिन्दुओं का क्षात्रतेज जागृत करनेवाले स्वामी आनंदस्वरूप द्वारा लिखित ‘हम हिन्दू हैं’, इस गीत का लोर्कापण किया गया । कार्यक्रम के आरंभ में यह गीत चलाया गया, उस समय सभी ने हाथ उठाकर तथा हिन्दू राष्ट्र का जयघोष कर इस गीत का प्रत्युत्तर दिया ।

हिन्दू राष्ट्र के संविधान में ‘हिन्दू’ केन्द्र बिन्दु होगा ! – प.पू. स्वामी आनंदस्वरूप महाराजजी, संस्थापक, काली सेना

प.पू. स्वामी आनंदस्वरूप महाराजजी

मैंने जो काम आरंभ किया है उसे पूरा करूंगा । मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य वर्ष २०३० से पहले भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना है । स्वतंत्रता के बाद गुरुकुल शिक्षा प्रणाली बंद कर दी गई । संविधान स्कूलों में धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगाता है । उत्तर प्रदेश में तीन करोड़ मुसलमान हैं । उनके लिए २२ सहस्त्र मदरसे हैं । मदरसों में मुसलमानों को इस्लाम की शिक्षा दी जा रही है । हिन्दुओं को कम से कम ८ वर्ष तक गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए । मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है । गुरुकुलों में शिक्षा मिलने से ही व्यभिचार, बलात्कार और भ्रष्टाचार रुकेगा । भारत के वर्तमान संविधान में १०० से अधिक परिवर्तन किए गए हैं; लेकिन क्या भगवद्गीता को कभी संशोधित किया गया है ? वर्तमान संविधान में हिन्दुओं को गौण माना गया है । हिन्दू राष्ट्र के संविधान का केन्द्र बिन्दु हिन्दू होंगे । धर्मांतरित लोगों को मत देने का अधिकार नहीं होगा । हिन्दू राष्ट्र के संविधान में किसी भी धर्म का विरोध नहीं होगा । हिन्दू राष्ट्र का संविधान रामराज्य का स्वरूप होगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं को सशक्त बनाया जाना चाहिए ! – महंत स्वामी कामेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज, पंचदशनाम पुराना अखाड़ा

महंत स्वामी कामेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज

‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द ने हिन्दुओं को निष्क्रिय बना दिया है । जिस प्रकार घर बनाने के लिए अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भी विविध योगदान की आवश्यकता होती है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए धन की आवश्यकता होगी । एक कुशल पीढ़ी तैयार करने की भी आवश्यकता है । केवल कल्पना करने से काम नहीं चलेगा । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं को सशक्त बनाया जाना चाहिए ।

भगवान के आशीर्वाद से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना पूर्ण होगी ! – डॉ. उमेश चंद्र शास्त्री, स्वामी वामदेव ज्योतिर्मठ, वृंदावन

डॉ. उमेश चंद्र शास्त्री

हमें हिन्दू राष्ट्र के लिए सक्रिय होना होगा, न कि केवल मार्गदर्शन देना होगा । सभी को एकजुट होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए काम करना होगा । वर्ष २०३० तक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी । संतों द्वारा किया जा रहा हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य ईश्वर के आशीर्वाद से पूर्ण होगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भगवान परशुराम जैसे योद्धा का तेज दिखाना होगा ! – पंडित सुनील भरालाजी, संस्थापक, राष्ट्रीय परशुराम परिषद

पंडित सुनील भरालाजी

भगवान परशुराम ने २१ बार दुष्ट क्षत्रियों का नाश किया । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भगवान परशुराम का परशु दिव्य रूप में हमारे हाथों में ग्रहण होगा । जो लोग हिन्दू धर्म को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं, उनका नाश करने के लिए हिन्दुओं को भगवान परशुराम जैसा क्षत्रिय तेज दिखाना होगा ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से ही संभव है, मेकाले की शिक्षा प्रणाली से नहीं ! – श्री श्री श्री १००८ आचार्य महामंडलेश्वर जागृत चेतनागिरीजी महाराज

श्री श्री श्री १००८ आचार्य महामंडलेश्वर जागृत चेतनागिरीजी महाराज

कुंभ मेले से ‘हिन्दू राष्ट्र’ का पोस्टर हटा दिया गया । यदि भारत में हिन्दू राष्ट्र के चिन्हों को हटाया जा रहा है तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कैसे होगी ? हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए राज्य और धार्मिक प्रणालियों का एकीकरण आवश्यक है । हिन्दुओं को धर्म की स्थापना के लिए शक्ति की आवश्यकता है । गुरुकुल शिक्षा पद्धति और मातृशक्ति से ही हिन्दुओं को बल मिलेगा । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से ही संभव है, मेकौले की शिक्षा प्रणाली से नहीं ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु सम्पूर्ण भारत में दिग्विजय यात्रा निकाली जानी चाहिए ! – गोविंदानंद सरस्वतीजी, दंडी स्वामी, ज्योतिर्मठ

गोविंदानंद सरस्वती

कोई भी कार्य वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होना चाहिए । आदि शंकराचार्य ने शास्त्रों के आधार पर सनातन धर्म के प्रति जागृति निर्माण की । उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की पुनर्स्थापना के लिए चार पीठों का निर्माण किया । भगवान कृष्ण और भगवान राम ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिए । हिन्दू अपना धर्म भूल गये हैं । उन्हें सनातन हिन्दू धर्म की याद दिलाना संतों का कार्य है । हिन्दू राष्ट्र के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे भारत में ‘दिग्विजय यात्रा’ आयोजित की जानी चाहिए । संतों को इसके लिए पहल करनी चाहिए ।

कुंभ मेले में प्रस्तुत हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना पूरी होगी ! – महामंडलेश्वर प्रकाशानंद गिरिजी महाराज, आवाहन अखाड़ा

महामंडलेश्वर प्रकाशानंद गिरिजी महाराज

जब संदेश कुंभ मेले के माध्यम से फैलता है, तो परिवर्तन होता है । कुंभ मेले में संतों द्वारा लिए गए संकल्प के कारण ही नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने । अब कुंभ मेले में हिन्दू राष्ट्र की घोषणा की गई है । इस प्रकार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य पूर्ण होगा ।

संतों के नेतृत्व में पुनः हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, धर्म प्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी

काली सेना द्वारा प्रसारित हिन्दू राष्ट्र के संविधान का प्रारूप इस बात का संकेत है कि हम हिन्दू राष्ट्र की सीमा पर हैं । हम इस सीमा को पार कर हिन्दू राष्ट्र में कदम रखना चाहते हैं । सनातन धर्म पर हर युग में आक्रमण होता रहा है । उस समय संतों ने हिन्दू राष्ट्र की रक्षा और स्थापना का बीड़ा उठाया । अब संतों ने एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का बीड़ा उठाया है । संतों के नेतृत्व में ही हिन्दू राष्ट्र की पुनः स्थापना होगी ।

हिंदुत्व के लिए संतों को संसद जाना होगा ! – स्वामी नामदेवदासजी त्यागी (कम्प्यूटर बाबा)

स्वामी नामदेवदासजी त्यागी

संतों ने अब तक हिन्दुत्व के लिए कई आंदोलन चलाए हैं । जब तक यह संसद में पारित नहीं हो जाता, यह कानून नहीं बनता । अगर हम हिन्दुओं के हित में कानून बनाना चाहते हैं तो हमें संसद में संतों की आवश्यकता है । अगर हम देश के लिए कुछ करना चाहते हैं तो संतों को संसद में निर्वाचित होना होगा ।

संतों के मार्गदर्शन में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए योद्धा बनकर कार्य करें ! – स्वामी विशालानंदजी महाराज

स्वामी विशालानंदजी महाराज

स्वतंत्रता के उपरांत हिन्दुओं पर काले कानून थोपे गए । ‘पूजा स्थल अधिनियम, १९९१’ जैसे कानूनों ने हिन्दू मंदिरों के अस्तित्व को नष्ट कर दिया । मंदिरों की रक्षा के लिए हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है और इसके लिए संविधान की आवश्यकता है । आइए, संतों के मार्गदर्शन में अखंड हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें तथा उसके लिए योद्धा बनकर कार्य करें।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु सभी संतों के आशीर्वाद ! – आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री १००८ अवधूतबाबा अरुणगिरिजी महाराज (एन्वायर्नमेंट बाबा)

आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री १००८ अवधूतबाबा अरुणगिरिजी महाराज (एन्वायर्नमेंट बाबा)

मुगलों ने जब आक्रमण किया, उस समय पंचदशनाम जुना अखाडे के नागा साधुओं ने उनसे युद्ध कर देश की रक्षा की । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सभी संतों के आशीर्वाद हैं ।

धर्मशिक्षा, धर्मजागृति एवं हिन्दूसंगठन के द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

१८ वीं शताब्दी तक भारत एक स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र तथा आर्थिक महासत्ता था । उस काल में विश्व व्यापार में भारत अग्रणी था । वर्तमान स्थिति में ‘सेक्यूलर’ शासनतंत्र के कारण हमारी क्या स्थिति है ? वर्तमान समय में अन्य पंथियों के देश में संबंधित पंथों के लोगों का प्रधानता से ध्यान रखा जाता है; परंतु भारत हिन्दुबहुल होते हुए भी हिन्दूहितों की रक्षा नहीं की जाती । इसीलिए भारत हिन्दू राष्ट्र होना आवश्यक है । धर्मशिक्षा, धर्मजागृति तथा हिन्दूसंगठन के द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना हिन्दू समाज एवं देश को बचाने का एकमात्र उपाय है ।

काली सेना तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पुष्पमाला, शॉल एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सभी संतों को सम्मानित किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कार्यक्रम के आरंभ में अधिवेशन का उद्देश्य विशद किया । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने कार्यक्रम का संचालन किया । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से कार्यरत ‘सनातन प्रभात’ को २५ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘सनातन प्रभात’के मुख्य संवाददाता श्री. प्रीतम नाचणकर ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में ‘सनातन प्रभात’ के योगदान की जानकारी दी ।