भारत में कोरोना टीके का ‘बूस्टर डोस’ अभीतक क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया है ? – देहली उच्च न्यायालय का केंद्र सरकार से प्रश्न

अमेरिका और अन्य कुछ पाश्चात्त्य देशों में आज के समय में कोरोना प्रतिबंधक टीके की दो मात्राएं दिए जाने के उपरांत बूस्टर डोस दिया जा रहा है; परंतु भारत में अभीतक बूस्टर डोस उपलब्ध नहीं कराए गए हैं ।

जिहादी आतंकवादी मदरसों से निर्माण होते हैं, इसलिए, मुझे अवसर मिलने पर सभी मदरसे बंद कर दूंगा ! – उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह

सबसे प्रथम, उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसों को दिया जाने वाला अनुदान बंद कर देना चाहिए । इसके लिए, रघुराज सिंह को प्रयास करने चाहिए ; ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर स्थित ईदगाह मस्जिद में चल रहा नमाज पठण बंद करें !

‘श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति’ की जिलाधीश से मांग !

धर्मांतरण के पश्चात भी व्यक्ति की जाति वही रहती है ! – मद्रास उच्च न्यायालय

परंतु, धर्मांतरण के पश्चात, जाति के अनुसार आरक्षण देना न्यायालय ने अस्वीकार किया !

बल्लभगढ (हरियाणा) में सरकारी भूमि पर अवैध मजार हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा तोड दी गई !

यदि प्रशासन को आवेदन देने के पश्चात भी कार्यवाही नहीं की जाती हो, तो ऐसा प्रशासन किस काम का ? क्या सरकारी भूमि पर अवैध मजार बनने तक प्रशासन सो रहा था ?

प्रदूषण के विषय में देश की राजधानी का हाल देखते हुए हम विश्व को क्या संदेश दे रहे हैं ? – सर्वाेच्च न्यायालय ने केंद्र को लगाई फटकार

प्रत्येक सूत्र के लिए यदि न्यायालय जाकर सरकार को आदेश देना पडता हो, तो यह सरकारी तंत्र का सफेद हाथी चाहिए ही क्यों ?

देश की कुल जनसंख्या में पहली बार ही १ सहस्र पुरुषों की तुलना में १ सहस्र २० महिलाएं !

गांव में प्रति १ सहस्र पुरुषों की तुलना में १ सहस्र ३७ महिलाएं हैं; परंतु शहरों में यही अनुपात ९८५ ही है । वर्ष २०१५-१६ में स्वयं के आधुनिक शौचालयों से युक्त घरों का अनुपात ४८.५ था । वर्ष २०१९-२० में यह अनुपात ७०.२ प्रतिशत हुआ । देश के ९६.८ प्रतिशत घरोंतक बिजली पहुंच गई है ।

उत्तर प्रदेश में महापुरुषों की जयंतियों और महाशिवरात्रि के दिन पशुवधगृहों और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध !

देश के सभी राज्यों में यह नियम बनाया जाना चाहिए !

भारतीय खिलाडियों को केवल ‘हलाल’ मांस देने का कोई भी आयोजन नहीं है ! – भारतीय क्रिकेट नियंत्रण मंडल (बोर्ड)

मंडल के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा है कि, “भारतीय खिलाडियों के लिए ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है । वे जो चाहें वे व्यंजन खा सकते हैं । यह उनकी व्यक्तिगत बात है ।”