ऐसा प्रतिपादन कर, फारुख अब्दुल्ला स्वयं के लिए सहानुभूति प्राप्त कर रहें हैं । हिन्दुओं पर किए अत्याचारों के लिए कौन उत्तरदायी हैं, यह जनता समझ चुकी है । इसलिए, केन्द्र सरकार को अब जांच कर, इन अत्याचारों के लिए कौन उत्तरदायी हैं, यह देश तथा विश्व के सामने अधिकृत लाना और उन्हें फांसी देने के लिए प्रयत्न करना चाहिए ! – संपादक |
नई देहली – “जब कश्मीर के हिन्दुओं पर किए अत्याचारों की जांच के लिए कोई प्रामाणिक न्यायाधीश तथा समिति स्थापित की जाएगी, तब सत्य प्रकट होगा । इस घटना के कौन उत्तरदायी हैं ? ये आपको समझ आएगा । यदि फारुख अब्दुल्ला दोषी होगा, तो फारुख अब्दुल्ला देश में कहीं भी फांसी लेने को सिद्ध हैं । परन्तु, जो लोग उत्तरदायी नहीं हैं, उन्हें किसी भी साक्ष के सिवा दोष न दे”, ऐसा कथन कश्मीर के ‘नैशनल कॉन्फरन्स’ दल के नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने ‘इंडिया टुडे’ नियतकालिक को विशेष चर्चा में किया । वर्ष १९८९ में, कश्मीर के हिन्दुओं पर आक्रमण हुए, तब फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे ।
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— IndiaToday (@IndiaToday) March 22, 2022
फारुख अब्दुल्ला कहते हैं –
१. मुझे नहीं लगता कि, मैं इस हिंसाचार का उत्तरदायी हूं । लोगों को उस समय घटीत हुआ सत्य समझने की इच्छा होगी तो, उन्होंने उस समय के गुप्तचर विभाग के प्रमुख अथवा केरल के राज्यपाल आरिफ महंमद खान से बात करनी चाहिए, वे उस समय केन्द्रीय मंत्री थे ।
२. १९९० के दशक में, केवल कश्मीर के हिन्दुओं का ही नहीं तो, कश्मीर के सिख और मुसलमान का क्या हुआ ? इसकी भी जांच के लिए आयोग स्थापन करना चाहिए । उस समय मेरे विधायक, मन्त्री और कार्यकर्ता, उन लोगों के शरीर के टुकडे उठा रहे थे, इतनी गंभीर परिस्थिति थी ।