(कहते हैं) ‘द कश्मीर फाईल्स’ चलचित्र के द्वारा गंगा – जमुनी संस्कृति को तोडने का काम हो रहा है !

समाजवादी दल के सांसद एस.टी. हसन का अफलातून शोध ! 

इस देश में तथाकथित गंगा- जमुनी संस्कृति के नाम पर अभी तक हिन्दुओं पर अत्याचार करने का काम हुआ और आज भी हो रहा है । हिन्दुओं को धर्माधों की ऐसी फंसाने वाली बातें समझकर, उन्हें सत्य गंभीरता से समझाना चाहिए ! – संपादक

(उत्तर भारत में इस्लामी आक्रमक कालान्तर में, हिन्दुओं के साथ रहने पर, दोनों धर्मों की मिलकर एक भिन्न संस्कृति निर्माण हुई जिसे ‘गंगा- जमुनी संस्कृति’ कहने लगे ।)

समाजवादी पार्टी सांसद एस.टी. हसन (दाएं)

     मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) – “कश्मीरी हिन्दुओं का दु:ख हमारे हृदय में भी है । वे अपने ही देश में विस्थापित हुए, मात्र उसे इतना महत्व देकर गंगा- जमुनी संस्कृति को तोडने का काम हो रहा है । द्वेष बढाया जा रहा है । (धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर किए अत्याचार उजागर करने पर तथाकथित गंगा-जमुनी संस्कृति का असत्य स्वरूप स्पष्ट हो रहा है । इससे धर्मांधों को कष्ट हो रहा है । इसी कारण वे ऐसे विधान कर रहे है ! – संपादक)

     इसलिए, ‘द कश्मीर फाईल्स’ चलचित्र पर बंदी लाई जाए । इस चलचित्र को अनुमति दी गई, तो कल मुरादाबाद, भागलपुर और गुजरात की दंगों पर भी चलचित्र बन सकते हैं । यह धारीका कब समाप्त होगी ?” ऐसे निरर्थक कथन यहा के समाजवादी दल के सांसद एस.टी. हसन ने किए ।