Farooq Abdullah : (और इनकी सुनिये…) ‘भारतीय सेना एवं आतंकियों के बीच मिलीभगत !’- फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के भारतीय सेना को लेकर दिए गए अमर्यादित बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के भारतीय सेना को लेकर दिए गए अमर्यादित बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा कश्मीर से धारा ३७० रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय को सही ठहराने के विषय पर पूछे गए प्रश्न में अब्दुल्ला ने उपर्युक्त उत्तर दिया ।
धारा ३७० हटाए जाने के उपरांत जम्मू- कश्मीर में जल्द ही होने वाले चुनाव की पृष्ठभूमि पर हिंदू विरोधी फारुख अब्दुल्ला को श्रीराम की तथा हिन्दू विरोधी महबूबा मुफ्ती को भगवान शिव की याद आई, यह समझें !
‘१५ मिनटों के लिए पुलिस को हटाईए, १०० हिन्दुओं को पाठ पढाएंगे’, ऐसा कहनेवाले एम. आई. एम. के नेता अकबरूद्दीन आवैसी के बारे में अब्दुल्ला क्यों नहीं बोलते ?
कश्मीर से हिन्दुओं का वंशसंहार करना, यही जिहादी आतंकवादी और कश्मीर के जिहादियों का लक्ष्य है । इसी से वे पिछले ३० वर्षों से हिन्दुओं को लक्ष्य बना रहे हैं । तो भी उस पर से ध्यान हटाकर अलग ही सूत्र रखने का प्रयास अब्दुल्ला जैसे कश्मीरी मुसलमान नेता कर रहे हैं, यह इससे ध्यान में आता है !
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने हमेशा ही कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में बोलना टाला है । उनके कार्यकाल में हिन्दुओं की हत्या होने के कारण वे भी इसके लिए उत्तरदायी हैं । ऐसे सभी लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंड देना आवश्यक !
ऐसा प्रतिपादन कर, फारुख अब्दुल्ला स्वयं के लिए सहानुभूति प्राप्त कर रहें हैं । हिन्दुओं पर किए अत्याचारों के लिए कौन उत्तरदायी हैं, यह जनता समझ चुकी है ।
यदि ऐसा है, तो भारतीय मुसलमानों ने अयोध्या की श्रीराम जन्म भूमि मुक्त करने का विरोध क्यों किया ? भगवान श्रीराम के समान भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव भी संपूर्ण विश्व के हैं, तो उनके काशी और मथुरा के मंदिरों की जगह मुसलमान हिन्दुओं को क्यों नहीं सौंप रहे ?
जब तालिबान का इतिहास एवं वर्तमान क्रूरता के होते हुए भी, फारूक अब्दुल्ला ऐसा वक्तव्य देने साहस कैसे जुटाते हैं