तीसरी ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ २४ और २५ दिसंबर को शिरडी में !

  • मंदिर सरकारीकरण, मंदिर की भूमि हडपना, वक्फ बोर्ड का अतिक्रमण, वस्त्र संहिता आदि पर चर्चा।

  • मंदिर-संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट होंगे १ सहस्त्र से अधिक मंदिर प्रतिनिधि !

शिरडी (महाराष्ट्र) – मंदिरों की समस्याओं के समाधान, मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए सुविधाएं प्रदान करने, दर्शन की व्यवस्था करने और मंदिर की परंपराओं की रक्षा के लिए मंदिर के विश्वस्तों, पुजारियों, भक्तों आदि का संगठन आवश्यक है। इसके लिए महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, श्री जीवदानी देवी संस्था, मुंबई, श्री ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर देवस्थान, श्री साई पालखी निवारा के सहयोग से तीसरा ‘महाराष्ट्र’ २४ और २५ दिसंबर को नगर-मनमाड रोड, नीमगांव, शिरडी में आयोजित किया जाएगा। पालखी निवारा एवं हिंदू जनजागृति समिति’ का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में १ सहस्त्र से अधिक आमंत्रित मंदिर विश्वस्त , प्रतिनिधि, पुजारी, मंदिरों की रक्षा के लिए लडने वाले अधिवक्ता , विद्वान आदि भाग लेंगे। सुनील घनवट ने २१ दिसंबर को एक पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी।

इस पत्रकार परिषद में सेवानिवृत्त सेना अधिकारी मेजर किसन गांगुर्डे, मालेगांव के ‘श्री वैजनाथ महादेव देवस्थान ट्रस्ट’ के अध्यक्ष, ‘नासिक गोरे राम मंदिर’ के स्वामी श्री दिनेश मुठे सम्मिलित थे एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयोजक श्री. प्रदीप देशमुख भी उपस्थित थे।

मंदिर संघ का कार्य धीरे-धीरे बढ रहा है! – सुनील घनवट, राष्ट्रीय संगठक, मंदिर महासंघ

इस समय श्रीमान सुनील घनवट ने आगे कहा, “महाराष्ट्र मंदिर संघ” की स्थापना फरवरी २०२३ में जलगांव में पहले “महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद” में की गई थी। तदोपरांत एक और सम्मेलन पुणे के ओझर में आयोजित किया गया। उसके उपरांत संघ का काम धीरे-धीरे बढता गया और २ वर्ष की कालवधि में यह पूरे राज्य में पहुंच गया। महाराष्ट्र मंदिर न्यास  के माध्यम से राज्य के ८०० से अधिक मंदिरों में वस्त्र संहिता को लागू किया गया है, जबकि देशभर में १५ सहस्त्र से अधिक मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू किया गया है।

महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद में अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया ! – दिनेश मुठे, गोरे राम मंदिर के स्वामी

गोरेराम मंदिर के स्वामी श्री. दिनेश मुठे ने कहा, ”इस सम्मेलन में ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, ‘स्वातंत्र्यवीर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री. रणजीत सावरकर, मराठी समाचार वाहिनी ‘जय महाराष्ट्र’ के संपादक श्री प्रसाद काथे. श्री जैन मंदिर के डॉ. गिरीश शाह, मंदिर क्षेत्र में कार्यरत अमित थढाणी , मंदिर-अध्ययन के क्षेत्र में कार्यरत लेखक श्रीमान संदीप सिंह, श्री. ‘बाणगंगा ट्रस्ट’ के श्री. ऋत्विक औरंगाबादकर सहित श्री अष्टविनायक मंदिरों के विश्वस्त , महाराष्ट्र में ज्योतिर्लिंग मंदिरों के विश्वस्त, संत, पीठों के प्रतिनिधि, अन्य मंदिरों के विश्वस्त, हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।

इस मंदिर सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन, मंदिरों से संबंधित विभिन्न विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जायेगी । इनमें ‘मंदिरों को सनातन धर्मप्रचार का केंद्र बनाना’, ‘मंदिरों का उदारीकरण’, ‘वक्फ अधिनियम’ के माध्यम से मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण और कब्जा करने के विरुद्ध उपाय, मंदिरों और तीर्थ स्थलों के परिसरों में मदिरा और मांस पर प्रतिबंध; उपेक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार पर भी होगी चर्चा। यह सम्मेलन केवल आमंत्रित लोगों के लिए है और इसमें भाग लेने के लिए मो. क्र. ७०२०३८३२६४ पर संपर्क करें, ऐसा मंदिर संघ ने अनुरोध किया है।