धर्म, भक्त एवं देवताओं का हित ध्यान में लेकर मंदिरों का व्यवस्थापन करें !
‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !
‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !
यहां आयोजित ’महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ का समापन ३ दिसंबर को हुआ । ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ में समान कृति कार्यक्रम निश्चित !
राज्य स्तरीय महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद ओझर (पुणे) में प्रारम्भ !
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए राज्य भर से ५५० से अधिक श्रद्धालु एकत्रित !
सनातन संस्था के प्रचारक सद्गुरु स्वाती खाड्येजी के करकमलों से वरिष्ठ लेखक एवं व्याख्याता श्री. दुर्गेश पारुलकर लिखित ग्रंथ ‘योगेश्वर श्रीकृष्ण’ का लोकार्पण हुआ ।
मंदिरों का धन मंदिरों के लिए अथवा हिन्दू धर्म के लिए ही उपयोग में आए । भारत की धर्मनिरपेक्ष सरकार केवल हिन्दुओं के मंदिर हथियाकर उसका धन हडपने का अथवा मंदिरों की प्राचीन प्रथा-परंपराओं को बदलने का प्रयत्न करती है; परंतु वह मस्जिद अथवा चर्च सरकार के नियंत्रण में नहीं ला सकती ।