महाड (जिला रायगढ, महाराष्ट्र) में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास अधिवेशन’ में रायगढ जिले के १०० से अधिक मंदिर के न्यासी रहे उपस्थित !

महाड (जिला रायगढ) – भारत की धर्मनिरपेक्ष सरकारों को हिन्दुओं के मंदिरों को नियंत्रण में लेकर वहां का धन लेने का अथवा मंदिरों की प्राचीन परंपराएं बदलने का कोई अधिकार नहीं है । यह धर्मनिरपेक्ष राजनेता किसी भी मस्जिद अथवा चर्च को सरकार के नियंत्रण में नहीं लेते, तो हिन्दू मंदिरों के संदर्भ में ही यह पक्षपात क्यों ? अब मंदिर सरकारीकरण की लडाई को तीव्र बनाने की आवश्यकता है । इस दृष्टि से मंदिर के न्यासियों को साथ लेकर मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराएंगे, ऐसा आवाहन महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के राज्य संगठक श्री. संजय जोशी ने किया । श्री अष्टविनायक क्षेत्र, श्री गणपति संस्थान, महाड के विश्वशांति मंगल कार्यालय में संपन्न तहसीलस्तरीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास अधिवेशन’में वे ऐसा बोल रहे थे ।

वेदमंत्र का पाठ कर इस अधिवेशन का आरंभ किया गया । इसके पश्चात महाड के श्री अष्टविनायक क्षेत्र, श्री गणपति संस्थान की कार्याध्यक्ष अधिवक्ता मोहिनी वैद्य, सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु अनुराधा वाडेकरजी, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक तथा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के राज्य संगठक श्री. संजय जोशी के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । श्री गणपति संस्थान, महाड (श्री अष्टविनायक क्षेत्र), महाराष्ट्र मंदिर महासंघ एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित इस अधिवेशन में श्री गणपति संस्थान, महाड के न्यासी अधिवक्ता विवेक पेठे तथा श्री. किरण काशीकर आदि मान्यवरोंसहित रायगढ जिले के १०० से अधिक मंदिर न्यासियोंसहित विभिन्न मंदिरों के प्रतिनिधि, पुरोहित, मंदिरों की रक्षा हेतु लडाई लड रहे अधिवक्तागण तथा मंदिर अध्येताओं ने भाग लिया ।
मंदिर महासंघ का कार्य आगे ले जाएंगे ! – अधिवक्ता मोहिनी वैद्य, कार्याध्यक्ष, श्री गणपति संस्थान, महाड (श्री अष्टविनायक क्षेत्र)

विचारकों के एकत्रित आने से संगठन बनता है तथा संगठितरूप से किया जानेवाला कार्य प्रभावशाली सिद्ध होता है । मंदिर महासंघ का कार्य लगन से तथा उत्साह के साथ चल रहा है । मंदिर न्यासियों से मेरा निवेदन है कि हम इस कार्य को आगे ले जाएंगे ।
मंदिर न्यासी सतर्क रहकर मंदिरों का कार्य देखें ! – अधिवक्ता स्वाती दीक्षित, धर्मादाय ट्रस्ट एवं रखरखाव, मुंबई

मंदिरों की भूमि हडपने की ओर लोगों का झुकाव बढ गया है । अप्रामाणिक सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति की गई, तो उससे अपनेआप ही मंदिर की भूमि पर नियंत्रण स्थापित करना सुलभ होता है; इसलिए मंदिर न्यासी सतर्क रहकर मंदिरों का कार्य देखें तथा मंदिर सरकारीकरण की नीति से अपने मंदिरों को दूर रखें ।
मंदिर परिसर में धर्मांधों का प्रवेश रोकने का प्रयास करें ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

अंग्रेज तथा मुगलों ने मंदिर संस्कृति तथा हिन्दुओं की धर्मश्रद्धा नष्ट करने का प्रयास किया । वर्तमान समय में मंदिरों, मंदिर संस्कृति तथा हिन्दुओं की आस्था के केंद्रों पर आघात हो ही रहे हैं । स्वतंत्र भारत में भले ही विभिन्न कानून लागू हुए हों, तब भी मंदिर संस्कृति पर आघात रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं । मंदिरों से संबंधित सेवाएं-व्यवहारों में धर्मांधों का बढता प्रवेश चिंता का विषय है । इसे रोकने के लिए मंदिरों के लिए योजनाएं बनानी पडेंगी ।
इस अधिवेशन में उपस्थित मंदिर न्यासियों ने रायगढ जिले के मंदिरों में हिन्दू धर्म एवं संस्कृति की जानकारी देनेवाले फलक लगाना, मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करनेसहित मंदिरों की भूमि पर किए गए अतिक्रमणों के विरुद्ध का संघर्ष और तीव्र बनाने का निश्चय किया ।

क्षणिकाएं
१. ‘कानिफनाथजी के तपसामर्थ्य से पावन मढी के मेले में एक भी मुसलमान को दुकान लगाने नहीं देंगे’, ऐसा प्रस्ताव वहां की ग्रामसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया । इसके लिए अधिवेशन में उपस्थित सभी ने तालियों की गडगडाहट से अभिनंदन किया ।
२. संवादात्मक सत्र में अधिवेशन में उपस्थित एक न्यासी ने उत्स्फूर्तता से आनेवाले समय में मंदिर का कार्य सुधारने हेतु संभावित प्रयासों के विषय में बताया ।
३. श्री. भगवान गणेशकर ने इस अधिवेशन के लिए अपना मंगल कार्यालय निशुल्क उपलब्ध कराया ।