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चेन्नई (तमिळनाडु) – सनातन धर्म समाप्त करने का वक्तव्य करने पर तमिळनाडु के मुख्यमंत्री एम्.के. स्टैलिन के पुत्र उदयनिधि स्टैलिन का शिरच्छेद करनेवाले को मैं १० करोड रुपयों का पुरस्कार दूंगा, ऐसी घोषणा अयोध्या के तपस्वी छावनी के परमहंस आचार्य ने की थी । उन्होंने आगे कहा, ‘उदयनिधि का शिरच्छेद करने के लिए यदि कोई आगे नहीं आया, तो मैं स्वयं उदयनिधि को ढूंढकर उसका शिरच्छेद करूंगा ।’ इसके प्रत्युत्तर में उदयनिधि बोले, ‘आज एक स्वामी ने मेरा शिरच्छेद करने के लिए १० करोड का पुरस्कार घोषित किया है । वे खरे संत हैं अथवा बनावटी (ढोंगी) ? आपको मेरा सिर क्यों अच्छा लगता है ? आप इतना पैसा कहां से लाएंगे ? मेरे सिर के लिए १० करोड रुपए क्यों खर्च करते हैं ? उसके स्थान पर मुझे १० रुपए की कंघी दें, मैं अपने बाल बनाऊंगा ।’
Sanatana Dharma Row | सिर काटने पर 10 करोड़ का इनाम देने वाले संत को उदयनिधि स्टालिन का जवाब, कहा- मैं अपने बयान पर कायम हूं https://t.co/tkiqB0JdsL #prabhasakshinews
— Prabhasakshi (@prabhasakshi) September 5, 2023
भाजपा द्वारा तमिळनाडु राज्य के आयुक्त को निषेधपत्र !
दूसरी ओर देहली में भाजपा के शिष्टमंडल ने तमिळनाडु सदन को भेट देकर तमिळनाडु राज्य के आयुक्त को निषेधपत्र दिया और मांग की कि ‘उदयनिधि स्टैलिन ने सनातन धर्म संबंधी जो भी वक्तव्य किए हैं, उसके लिए वे क्षमा मांगें ।
आप में और कट्टरतावादी में क्या अंतर है ?कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खर्गे की टिप्पणी ! बेंगळुरू (कर्नाटक) – भारत में प्रत्येक को अपना मत प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता है; परंतु तब भी लोगों की भावनाओं की ओर देखना आवश्यक है । यदि आप किसी को मारने की धमकी देते हैं और १० करोड रुपयों का पुस्कार घोषित करते हैं, तो आपमें और कट्टरतावाद में क्या अंतर है ? मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगा कि क्या (परमहंस आचार्य) को उनका धर्म दया एवं समानता नहीं सिखाता ? (सनातन धर्म दया एवं समानता ही सिखाता है, इसलिए यदि कोई उसका उल्लंघन करता हो, तो उसका विरोध करना ही चाहिए; परंतु जो धर्म दया एवं समानता नहीं सिखाता और उनके ग्रंथों में ही मूर्तिपूजकों को मार डालने के लिए बताया है, उस विषय में खर्गे कभी भी मुंह नहीं खोलते, यह अवश्य ध्यान में रखें । – संपादक )
संपादकीय भूमिकाकिसी की हत्या करने के लिए उकसाना गलत है । सनातन धर्म इसकी अनुमति नहीं देता; परंतु इस बात पर ध्यान दें कि प्रियांक खर्गे जैसे लोग ‘सर तन से जुदा’ (शिरच्छेद करना), ऐसी घोषणा देनेवाले और उसके अनुसार करनेवाले धर्मांधों के विरोध में कभी भी मुंह नहीं खोलते ? |