(और इनकी सुनिए …) ‘भविष्य में भारत में हिन्दु धर्म नहीं रहेगा !’ – आयआयटी देहली की प्राध्यापिका दिव्या द्विवेदी

आयआयटी देहली की प्राध्यापिका दिव्या द्‍विवेदी ने की हास्यास्पद खोज !

प्राध्यापिका दिव्या द्विवेदी

नई देहली – ‘जी-२०’ परिषद में फ्रान्स की प्रणाली पर साक्षात्कार देते समय ‘आयआयटी देहली’की प्राचार्या दिव्या द्विवेदी ने वक्तव्य किया कि, ‘‘एक भूतकालीन भारत था, जिसमें जातिव्यवस्था के आधार पर अधिक मात्रा में लोगों पर अत्याचार एवं आत्मनियंत्रण किया गया । एक भविष्य का भारत होगा, जिस में जातिव्यवस्था के आधार पर अंतर नहीं होगा तथा हिन्दु धर्म भी नहीं रहेगा ।’’ इसका एक वीडियो भी सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हुआ है । इससे पूर्व भी दिव्या द्विवेदी ने कहा था कि, ‘हिन्दु धर्म झूठा है । वह २० वें शतक के प्रारंभ में स्थापन किया गया है । (कौन झूठा है, ये इस वक्तव्य से ध्यानमें आता है ! – संपादक)

दिव्या द्विवेदी वीडियो में आगे कहती है कि, वर्तमान में ‘आर्यन मानसिकता’ होनेवाला भारत विश्व के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं । अतएवं ‘इंडिया’ के अतिरिक्त ‘भारत’ इस नाम पर जोर दिया जा रहा है । भविष्य का ‘हिन्दु विरहित भारत’ अभी तक दुनिया के सामने प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है । गत ३०० वर्षों से अधिक कालावधि में जातिव्यवस्था भारत को आकार दे रही है । देश में १० प्रतिशत सवर्ण हैं; किंतु वही देश के ९० प्रतिशत शक्तिशाली एवं लाभदायक पदों पर विराजमान हैं । यही आज भी गति पर है ।

संपादकीय भूमिका 

  • हिन्दु धर्म सनातन धर्म है । उस पर सहस्रों वर्षों से अधिकांश बार प्रहार हुए हैं । जिन -जिन अधिकांश लोगों ने उसे नष्ट करने का प्रयास किया, वे स्वयं ही नष्ट हुए । किंतु सनातन धर्म वहीं का वहीं रह गया । अतएव ऐसे वक्तव्य करनेवाले अपनी बुद्धि की दौड का प्रदर्शन कर रहे हैं !
  • यह पृथकता से कहने की आवश्यकता नहीं है कि ऐसी द्वेषी प्राचार्या छात्रों को क्या सिखाती होगी ? शासन को ऐसे लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए !