जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज्य के लिए मावले और शिलेदारों द्वारा किया गया बलिदान सर्वोच्च है, उसी प्रकार आज अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ हिन्दुत्व की रक्षा के लिए ‘शिलेदार’ के रूप में कार्य कर रहे हैं । धर्मनिरपेक्ष सरकारों के साथ-साथ प्रशासन और पुलिस द्वारा भी कष्ट सहन कऱते हुए वे धर्म की रक्षा के लिए निःस्वार्थ भाव से दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं । आज, जब धर्मनिरपेक्षतावादियों द्वारा समर्थित राष्ट्र-विरोधी ताकतें सशक्त हो रही हैं और हिन्दुओं के विरुद्ध षड्यंत्र कर रही हैं, तो हमें चिंता होती है कि “भविष्य में हिन्दुओं का क्या होगा ?” उस समय हिन्दुत्व की रक्षा के लिए लड़ने वाले इन मावलों और शिलेदारों के संघर्ष के उदाहरणों को पढने से निश्चित रूप से हमारे मन की चिंता दूर होगी और उत्साह निर्माण होगा । इस कारण हम शीघ्र ही ‘सनातन प्रभात’ में ‘हिंदुत्व के स्तंभ’ अंक प्रारंभ करने जा रहे हैं, जिसमें इन शिलाधारियों तथा हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए उनके संघर्ष के बारे में जानकारी दी जाएगी ।
पाठकों से अपील
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