वायनाड (केरल) में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की जीत के पीछे कट्टरवादी मुस्लिम गठबंधन !

इसके जवाब में कांग्रेस ने माकपा पर भी ऐसा ही आरोप लगाया ।

माकप के नेता विजयराघवन् , प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी

तिरुवनंतपुरम (केरल) – पहले आम चुनाव में राहुल गांधी ने राज्य की वायनाड लोकसभा सीट जीती और फिर उप-चुनाव में उनकी बड़ी बहन प्रियंका वाड्रा ने जीत हासिल की। अपनी जीत पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि ‘वायनाड में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की जीत के पीछे कट्टर मुस्लिम गठबंधन था।’

१. वायनाड के माकपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की एक बैठक सुल्तान बाथरी में आयोजित की गई। इस समय,माकपा नेता विजयराघवन ने कहा कि वायनाड से २ लोग लोकसभा के लिए चुने गए। पहले राहुल गांधी और अब प्रियंका वाड्रा । वे कैसे जीत गये ? कट्टरपंथी मुस्लिम मोर्चे के समर्थन के कारण ही वे वायनाड में जीते। इस गठबंधन के समर्थन के बिना राहुल गांधी संसद नहीं पहुंच पाते । वह अब विपक्ष के नेता हैं । प्रियंका वाड्रा ने वायनाड में कई प्रचार दौरे किए। क्या आप जानते हैं कि उनके अभियान में आगे और पीछे की कतार में कौन थे ? अल्पसंख्यकों में सबसे बुरे चरमपंथी उस दौरे में साथ थे। ये अतिरेकी विचारक कांग्रेस नेतृत्व के साथ हैं।

२. विजयराघवन पहले भी कांग्रेस पर इसी तरह के आरोप लगा चुके हैं । इसके अलावा माकपा ने भी साल २०१४ में ऐसा ही रुख अपनाया था । उस वक्त लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन को जोडा  था । सीपीएम ने इसी साल अप्रैल महीने में भी ऐसे ही आरोप लगाए थे ।

माकपा ने लोकसभा में पेश किया मुसलमानों के लिए फिलिस्तीन का सूत्र ! – कांग्रेस का आरोप

माकपा के आरोपों पर अब कांग्रेस ने जवाब दिया है । कांग्रेस ने कहा है कि मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए ही माकपा ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया था । जिसके कारण हिन्दू मतदाता उनसे नाराज थे । इसीलिये माकपा अब हिन्दू वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है ।

संपादकीय भूमिका 

दोनों पार्टियां एक ही माला के मोती हैं और मुसलमानों को ललचाकर वोट हासिल करना चाहते हैं। दोनों पार्टियां कट्टर मुस्लिमवादी हैं । हिन्दू इस बात का ध्यान रखें और इन्हें दूर रखें !