CPI(M) Activists Get Life Imprisonment : केरल में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के मामले में माकपा के ८ कार्यकर्ताओं को २० साल बाद आजीवन कारावास की सजा।

एक दोषी को ३ साल की कैद

भाजपा कार्यकर्ता एलाम्बिलयी सूरज की हत्या के आरोपी

कन्नूर (केरल) – केरल के थलास्सेरी के प्रधान सत्र न्यायाधीश के.टी. निसार अहमद ने भाजपा कार्यकर्ता एलाम्बिलयी सूरज की हत्या के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ९ कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया। इस मामले में माकपा के ८ कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर ५० हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि अन्य एक दोषी को ३ साल का सश्रम कारावास और २५ हजार रुपये का जुर्माना ठोका गया।

१. आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में २०१२ के टी.पी. चंद्रशेखरन हत्याकांड में पहले से ही जेल में बंद टी.के. राजेश और केरल के मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव पी.एम. मनोज के भाई पी.एम. मनोराज भी शामिल हैं। (इसका मतलब माकपा के कार्यकर्ता पेशेवर अपराधियों की तरह हत्या करते हैं, यही इससे साबित होता है। – संपादक)

२. ७ अगस्त २००५ को सुबह ८:४० बजे, मुझप्पिलंगड टेलीफोन एक्सचेंज के सामने एक रिक्शा से कुछ लोग आए और उन्होंने सूरज की हत्या कर दी। सरकारी वकील के अनुसार, माकपा छोडकर भाजपा में शामिल होने के कारण राजनीतिक दुश्मनी में सूरज की हत्या की गई।

३. घटना से ६ महीने पहले ही सूरज की हत्या का प्रयास किया गया था। उनके दोनों पैरों में चोट लगी थी और वे ६ महीने से बिस्तर पर थे।

४. हत्या और षडयंत्र रचने के आरोप में माकपा के १२ कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामला प्रविष्ट किया गया था। घटना के बाद २ आरोपियों की मौत हो गई।

संपादकीय भूमिका 

  • न्याय के इस परिणाम से साम्यवादियों के रक्तरंजित इतिहास पर एक बार फिर प्रकाश पड़ा है। अपराधियों से भरी हुई ऐसी पार्टी का किसी राज्य में सत्ता में होना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
  • २० साल बाद मिला न्याय भी अन्याय ही है, ऐसा किसी को लगे तो क्या गलत है ?