बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ चित्रपट पर प्रतिबंध !
तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरोध में पुरे देश के धर्मप्रेमी और राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं को आवाज उठाना आवश्यक है । यहा हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारो को दबाने की तानाशाही है ।
तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरोध में पुरे देश के धर्मप्रेमी और राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं को आवाज उठाना आवश्यक है । यहा हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारो को दबाने की तानाशाही है ।
कानून हाथ में लेना सही नहीं है; परंतु इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने जिस प्रकार कार्यवाई की, उससे लोग क्रोधित हुए । ‘परिणामस्वरूप पुलिस थाने को जलाया गया होगा’, ऐसा कहा जाए तो क्या गलत है ? पुलिस इससे कुछ सीखेगी वह सुदिन ही होगा !
क्या ऐसी संवेदनहीन पुलिस जनता की सुरक्षा के योग्य है ? बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य में कानून व्यवस्था के तीन तेरह बहुत पहले ही हो चुके हैं । वहां राष्ट्रपति शासन लगाना ही एक मात्र विकल्प है।
ममता बनर्जी के राज्य में हिन्दू युवती असुरक्षित ! इस विषय में तथाकथित आधुनिकतावादी, धर्मनिरपेक्षतावादी मुंह नहीं खोलेंगे, यह ध्यान मे लें !
बंगाल में ५०० करोड रुपयों का शिक्षक भर्ती घोटाला प्रकरण
ममता बनर्जी ने दंगों के लिए हिन्दुओं को ठहराया उत्तरदायी ! क्या संविधान में लिखा है कि मुसलमान बहुल क्षेत्रों में हिन्दू अपनी धार्मिक शोभायात्राएं न निकालें ? यह भारत है या बांग्लादेश ?
यदि भाजपशासित राज्या में ऐसे दंगे होते, तो अभी तक देश के सभी ढोंगी निरपेक्षतावादी तथा पुरो(अधो)गामी राजनीतिक पार्टियां एवं संगठनों ने कोलाहल मचाया होता |
ऐसों को कठोर दंड मिलना चाहिए !
बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की हिन्दूद्रोही एवं कानूनद्रोही सरकार ! अब तो केंद्र सरकार को बंगाल के हिन्दुओं की रक्षा के लिए राष्ट्रपति शासन लागू करना आवश्यक है !
इससे स्पष्ट होता है कि तृणमूल कांग्रेस कितने निचले स्तर की राजनीति कर रही है । ऐसा पक्ष लोकतंत्र के लिए संकटदायी है !