वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव का पांचवां दिन (२८ जून) : मंदिर संस्कृति की रक्षा के प्रयत्न
श्री तुलजाभवानी मंदिर की दानपेटी में अर्पण पैसे और आभूषणों में भ्रष्टाचार हुआ है । ठेकेदारों और विश्वस्तों ने मिलीभगत कर मंदिर की संपत्ति की लूटपाट की ।
श्री तुलजाभवानी मंदिर की दानपेटी में अर्पण पैसे और आभूषणों में भ्रष्टाचार हुआ है । ठेकेदारों और विश्वस्तों ने मिलीभगत कर मंदिर की संपत्ति की लूटपाट की ।
प्राचीन काल में मंदिर केवल पूजा-पाठ के केंद्र नहीं थे, अपितु सर्वांगीण विकास के केंद्र थे । स्वतंत्रता संग्राम में मंदिर स्वतंत्रतासेनानियों के लिए शक्तिकेंद्र बने थे । उसके उपरांत मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना अल्प हुआ ।
गोवा में चल रहे ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ में भारत माता मंदिर में पूजा पर रोक के निर्णय का विरोध !
५०० वर्ष मुसलमानों ने भारत को लूटा, मंदिर तोड डाले, परंतु वे हिन्दुओं का विश्वास नहीं तोड सके । आक्रामकों ने भारत को बडी मात्रा में लूट लिया, तब भी उस समय भारत की आर्थिक स्थिति विश्व में सुदृढ थी ।
मंदिर के पुरोहितों का धर्म केवल लोगों को तिलक लगाने तक ही मर्यादित नहीं है । हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देना भी उनसे अपेक्षित है । उससे हिन्दुओं का धर्माभिमान बढकर उनका मनोबल बढेगा औेर सभी संगठित होंगे ।
सनातन धर्म के अर्थशास्त्र में मंदिरों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है । सनातन धर्म में मंदिरों के अर्थकारण से शिक्षाप्रणाली चलाई जा रही है । मंदिरों की अर्थव्यवस्था पर गांवों की निर्मिति हो रही है ।
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के ५ वें दिन सनातन संस्था के ‘अध्यात्म का प्रास्ताविक विवेचन’ नामक गुजराती ‘ई-बुक’का प्रकाशन उत्तरप्रदेश के पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक पू. प्रा. पवन सिन्हा गुरुजी के शुभहस्तों किया गया ।
महाराष्ट्र भाजपा के राज्य प्रवक्ता श्री. माधव भंडारी ने २८ जून को ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ स्थल का अवलोकन किया । उसके उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुनील घनवट ने उन्हें सम्मानित किया
एक संदेश पर केवल २ दिनों में ही मुसलमान उसके लिए एकत्र हो गए । हिन्दुओं को भी इसप्रकार की संपर्कव्यवस्था निर्माण करना आवश्यक है ।
अन्य धर्मी लोग उनके धर्म के विषय में प्रश्न नहीं पूछते; परंतु हिन्दू धर्माचरण करने से पूर्व प्रश्न पूछते हैं; इसलिए हमें हिन्दुओं को धर्माचरण के पीछे समाहित वैज्ञानिक कारण बताने आवश्यक हैं ।