Mumbai HC On POP IDOLS : सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में पीओपी गणेश प्रतिमाएं स्थापित न करने की पाबंदी जोडें !

इस प्रकार का दंड का प्रावधान करने की आवश्यकता है कि मूर्ति बनाने वालों एवं पीओपी द्वारा बनाई गई मूर्तियों का उपयोग करने वालों पर दंड लगाया जाए। ऐसा करने से अगली बार से पीओपी की मूर्तियां नहीं बनेंगी।

Allahabad HC : धर्म में आस्था रखने वालों का ही मंदिर पर नियंत्रण होना चाहिए ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

जब न्यायालय का भी यही मत है, तो सरकार मंदिरों का राष्ट्रीयकरण समाप्त करने के लिए क्या कदम उठाएगी ?

The Diary of West Bengal : ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय ने किया अस्वीकार !

इस चलचित्र में बांग्लादेश से भारत में होनेवाली मुस्लिमों की घुसपैठ, रोहिंग्या निर्वासितों का संकट, लव जिहाद एवं समाज के आंतर्धर्मीय अथवा आंतर्धर्मीय संबंधों की सत्य घटनाओं पर आधारित बातें बताई गई हैं ।

Shashi Tharoor Case : न्यायालय ने कांग्रेस नेता शशि थरूर का अनुरोध निरस्त हो गया !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विषय में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में कांग्रेस नेताओं एवं सांसदों के विरोध मे दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई है।

Kerala HC On Wayanad Landslide : वायनाड के भूस्खलन, यह घटना मानवीय उदासीनता एवं लोभ पर प्रकृति द्वारा किए पलटवार का उदाहरण है ! – केरल उच्च न्यायालय

विकास के नाम पर प्रकृति द्वारा दी गई चेतावनी की ओर अनदेखी करने की फटकार !

Atala Devi Temple : जौनपुर (उत्तर प्रदेश) में कथित अटाला मस्जिद है, अटाला देवी मंदिर ! – पुरातत्व विभाग

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने अपने ब्यौरे में अटाला मस्जिद को ‘अटाला देवी मंदिर’ बताया था ।

Badlapur Sexual Assault : विद्यालयों में ही लडकियां सुरक्षित नहीं होंगी, तो शिक्षा के अधिकार का क्या उपयोग ? – मुंबई उच्च न्यायालय

मात्र ४ वर्ष की लडकियां भी इसमें बलि चढ़ रही हैं, यह बहुत ही भयावह तथा खतरनाक स्थिति है ।

Ajmer Sex Scandal Verdict : ६ दोषियों को आजीवन कारावास और ५ लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा

वर्ष १९९२ में अजमेर (राजस्थान) में यौन शोषण प्रकरण ! ३२ साल बाद इतने गंभीर मामलों का निर्णय न्याय नहीं, अपितु अन्याय है !

Allahabad High Court : अविवाहित बेटी का जीवकोपार्जन का दायित्व पिताजी का ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

नौकरी अथवा अन्य संपत्ति द्वारा अपना पेट न भर सकनेवाली अविवाहित बेटी की जीविका चलाने का दायित्व पिता का होता है, ऐसा महत्त्वपूर्ण निर्णय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया ।

RG Kar Hospital Murder Case : स्वयं का बचाव न कर सकनेवाली पुलिस डॉक्टरों को कैसे बचा पाएगी ?

कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाई जाना, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार के लिए लज्जाजनक ! इस घटना का दायित्व स्वीकार कर उन्हें अपने पद का त्यागपत्र ही देना चाहिए !