वर्ष १९९२ में अजमेर (राजस्थान) में यौन शोषण प्रकरण !
अजमेर (राजस्थान) – ३२ साल पहले वर्ष १९९२ में हुए देश के सबसे बडे यौन शोषण प्रकरण में एक जिला न्यायालय ने ६ दोषियों को आजीवन कारावास और ५ लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई। इनके नाम हैं नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गनी तथा सैयद जमीर हुसैन। सजा सुनाए जाने के समय सभी दोषी कोर्ट में उपस्थित थे । इन दोषियों के विरोध मे २३ जून २००१ को आरोप पत्र प्रविष्ट (दाखिल) किया गया था । इस प्रकरण की सुनवाई जुलाई २०२४ में पूरी हुई थी । ( १९९२ के मामले में ९ वर्ष पश्चात आरोप पत्र प्रविष्ट हुआ और २०२४ में मुकदमा पूरा हुआ, यह भारतीय व्यवस्था के लिए लज्जासपद है ! – संपादक)
१९९२ में, १०० से अधिक विश्वविद्यालय के छात्राओं के साथ सामूहिक बलात्कार कर उनकी नग्न तस्वीरें प्रसारित की गईं। इस प्रकरण में १८ आरोपी थे । ४ व्यक्तियों को पहले दोषी ठहराया जा चुका है और ४ को उच्च न्यायालय द्वारा मुक्त कर दिया गया है । ३० साल पहले एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी । २ आरोपियों के विरुद्ध बाल उत्पीडन का आरोप प्रविष्ट किया गया है । इनमें से एक को दोषी ठहराया जा चुका है तथा दूसरे के विरोध मे मुकदमा चल रहा है ।
1992 Ajmer Sex Scandal : 6 sentenced to life, fined 5 Lakhs each by POCSO court
Former #Congress Party officials among those convicted !
A verdict 32 years later in such a grave matter is not justice but injustice!#SexualAssault I अजमेर सेक्स स्कैंडल I नफीस चिश्ती
Image… pic.twitter.com/lltbclYeXh— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 20, 2024
दोषी अपराधी तो कांग्रेस के पदाधिकारी !
इस अपराध के सूत्रधार अजमेर युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती (तत्कालीन युवा कांग्रेस के सह सचिव), अनवर चिश्ती (तत्कालीन युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष) तथा अन्य आरोपी ने एक व्यापारी के बेटे से मित्रता की थी । उसके साथ बलात्कार किया गया तथा तस्वीरें खींची गईं। ब्लैकमेल करने के बाद वे उसकी सहेली को एक ‘पोल्ट्री फार्म’ में ले आए तथा उसके साथ बलात्कार किया। उनकी न्यूड (नग्न) तस्वीरें खींची गईं । उसे अपने सहेलियों को भी उनके पास लाने के लिए बाध्य किया गया। इसके बाद उसने एक के बाद एक कई लडकियों के साथ रेप किया और उन लडकियों की नग्न तस्वीरें लीं । इसके बाद वह लोगों को अलग-अलग जगहों पर बुलाकर ब्लैकमेल करने लगे। इनमें से ६ लडकियों ने बाद में आत्महत्या कर ली।
संपादकीय भूमिका३२ साल बाद इतने गंभीर मामलों का निर्णय न्याय नहीं, अपितु अन्याय है ! |