जौनपूर (उत्तर प्रदेश) – अटालामाता मंदिर प्रकरण में २१ अगस्त को सिविल न्यायालय में सुनवाई हुई । न्यायालय इस प्रकरण में २ सितंबर २०२४ को निर्णय सुनानेवाला है । हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने अपने ब्यौरे में अटाला मस्जिद को ‘अटाला देवी मंदिर’ बताया था ।
अटाला देवी मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद राठौड़ ने करवाया था । अंग्रेज अधिकारी जे.पी. हेविट और ईबी हॉवेल ने अटाला मस्जिद की शिल्पकला को ‘हिन्दू शिल्पकला’ बताया है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ब्यौरे में अटाला देवी मंदिर की कई तस्वीरें दी गई हैं, जिनमें शंख, त्रिशूल, कमल आदि हिन्दू प्रतीक भी हैं । हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि अटाला मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत एक ‘संरक्षित स्मारक’ है । इसलिए, प्रार्थना स्थल अधिनियम, १९९१ इस प्रकरण में लागू नहीं होता है ।