ऐसे लोगों को सरकार ढूंढकर पाकिस्तान भेजे ! – न्यायालय का मत
कर्णावती (गुजरात) – यहां के न्यायालय ने १७ जुलाई को भारत की जासूसी करने के प्रकरण में ३ लोगों को आजन्म कारावास का दंड सुनाया है । उनके नाम हैं, सिराजुद्दीन अली फकीर (आयु २४ वर्ष), मुहम्मद अयूब (आयु २३ वर्ष) एवं नौशाद अली (आयु २३ वर्ष)। वे भारत के सैन्य स्थानों की गुप्त जानकारी पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आइएसआइ को दे रहे थे । न्यायालय ने इन तीनों को दंड सुनाते समय कहा कि ये तीनों भारत के नागरिक हैं । इन तीनों को भारत में उपजीविका मिली; किंतु उन्हें भारत से प्रेम नहीं है एवं उनमें देशभक्ति की भी भावना नहीं है । उनका प्रेम पाकिस्तान पर है तथा पाकिस्तान के प्रति उनकी देशभक्ति पाई गई है । इस कारण उन्होंने भारत की गुप्त जानकारी पाकिस्तान को दी । भारत में रहकर भारत के नागरिक होते हुए भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करनेवालों को स्वयं देश छोडकर जाना चाहिए अथवा सरकार को ऐसे लोगों को ढूंढकर उनको पाकिस्तान भेजना चाहिए ।
कर्णावती पुलिस ने १४ अक्टूबर २०१२ में जमालपुर निवासी फकीर, जबकि कर्णावती निवासी अयूब को बंदी बनाया था । जोधपुर (राजस्थान) से नौशाद अली को २ नवंबर २०१२ को बंदी बनाया गया था । फकीर वर्ष २००७ में पाकिस्तान जाकर आया था ।
संपादकीय भूमिकादेशभक्त भारतीयों को लगता है कि ऐसे देशद्रोहियों को आजन्म पोसने की अपेक्षा उनको फांसी का दंड ही देना चाहिए । उससे अन्यों में भी भय निर्माण होगा ! |