धर्म एवं राष्ट्र की हो रही हानि को रोकने हेतु जागृति करनेवाले ग्रंथ

धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के कारण हो रही भारत की अधोगति रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता प्रतिपादित करनेवाला एवं धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था का महत्त्व विशद करनेवाला ग्रंथ – ‘हिन्दू राष्ट्र क्यों आवश्यक है ?’

शौच की समस्याओं पर प्राथमिक उपचार

‘शौच के लिए अधिक समय बैठना, साथ ही बल (जोर) देना, ये लक्षण हों, तो चौथाई चम्मच ‘सनातन यष्टीमधु (मुलेठी) चूर्ण’, चौथाई चम्मच ‘सनातन आमलकी (आंमला) चूर्ण’ एवं १ चुटकीभर सैंधव (सेंधा) नमक एकत्र कर आधी कटोरी पानी में दोनों समय के भोजन से पहले लें ।

उष्णता के विकारों पर सनातन की आयुर्वेदीय औषधियां

‘उष्णता के विकारों पर (उदा. शरीर पर घमोरियां होना, फुंसी होना, लघुशंका के समय जलन होना) दिन में ३ बार आधी चाय की चम्मच सनातन अडूसा चूर्ण एवं आधी चाय की चम्मच सनातन उशीर (खस) चूर्ण एकत्र कर आधी कटोरी पानी में मिलाकर पीएं । ऐसा लगभग १ से २ सप्ताह करें ।’

सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन

यहां के बरई गांव व नक्खी घाट में सनातन संस्था द्वारा प्रवचन लिया गया ।

हाजीपुर (बिहार) में सनातन संस्था द्वारा ‘आनंदमय जीवन हेतु अध्यात्म’ विषय पर प्रवचन संपन्न !

इस अवसर पर उपस्थित जिज्ञासुओं को कुलदेवी एवं श्री गुरुदेव दत्त के नामजप का महत्त्व बताया गया ।

वेतन देनेवाली नौकरी एवं आनंद देनेवाली सेवा !

सनातन संस्था में नौकरी समान वेतन नहीं मिलता, तब भी ये साधक प्रतिदिन स्वयं ही नौकरी की तुलना में अधिक घंटे सेवा करते हैं ।

साधना करने के लिए अध्यात्म की जानकारी होना आवश्यक !

‘अध्यात्म’ एवं ‘साधना’ एक सिक्के के दो पहलू समान हैं । अध्यात्म उचित ढंग से समझने पर, साधना अच्छी कर सकते हैं और साधना अच्छी समझ में आने पर आगे आध्यात्म समझ में आता है ।

अक्षय तृतीया के पर्व पर ‘सत्पात्र को दान’ कर ‘अक्षय दान’ का फल प्राप्त करें !

२२.४.२०२३ को ‘अक्षय तृतीया’ है । ‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है । इसलिए कई लोग इस दिन बडी मात्रा में दानधर्म करते हैं ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित आठ दिवसीय रामनाम संकीर्तन अभियान संपन्न !

हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम के नाम की शक्ति मिले, उनका आशीर्वाद मिले, इस उद्देश्य से रामनाम संकीर्तन आयोजित किया गया ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में ‘हिन्दू नववर्ष’ के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम संपन्न एवं सनातन संस्था द्वारा ग्रंथ-प्रदर्शनी का आयोजन !

इस कार्यक्रम में ‘हिन्दू नववर्ष’ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाया जाता है ? इस दिन ब्रह्मध्वजारोहण क्यों किया जाता हैे ? ब्रह्मध्वजारोहण की उचित पद्धति’, साथ ही अन्य अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी गई ।