चेन्नई में ईसाई विद्यालय के छात्रावास में रहने वाली हिन्दू छात्राओं को धर्मपरिवर्तन के लिए सताया !
स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवाने वाली द्रमुक सरकार नास्तिक न होकर ईसाइयों की चमचागीरी करने वाली और हिन्दू विरोधी सरकार है, यही इससे ध्यान में आता है !
स्वयं को नास्तिकतावादी कहलवाने वाली द्रमुक सरकार नास्तिक न होकर ईसाइयों की चमचागीरी करने वाली और हिन्दू विरोधी सरकार है, यही इससे ध्यान में आता है !
धर्मपरिवर्तन के कारण हिन्दुओं के परिवार विघटित न हों, इसके लिए हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन का प्रयास करने वाले धर्मांधों को कठोर दंड देने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए !
आंध्र प्रदेश में जब से हिन्दूद्वेषी सरकार सत्ता में आई है, तब से वहां हिन्दुओं पर हो रहे आघातों की शृंखला रुकने का नाम नहीं ले रही है ।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की स्थिति ऐसी है, इसके विपरीत भारत में अल्पसंख्यक मुसलमान ही हिन्दुओं के धर्मांतरण करने का प्रयास करते हैं, यह ध्यान में ले !
जब तक भारत सरकार बांग्लादेशी हिन्दुओं पर निरंतर हो रहे आघातों के विरोध में आवाज नहीं उठाती, ऐसी घटनाएं कैसे रुकेंगी?
भारत में प्रतिदिन येनकेन प्रकारेण हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अपमान किया ही जा रहा है । इसके पीछे भारी संख्या में धर्मांध मुसलमान ही हैं । इसलिए अब भारत को भी ईशनिंदा कानून बना कर ऐसे मुसलमानों पर कठोर से कठोर कार्यवाही कर पाकिस्तान को पाठ (सबक) पढाना (सिखाना) चाहिए !
उत्तरप्रदेश में इस प्रकार की घटनाएं न हों, इसके लिए भाजपा सरकार को अधिक प्रयास करने चाहिएं, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !
बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करने पर दंड देना, भले ही उचित हो, किंतु मूलत: धर्मांतरण करना संभव ही न हो, इसके लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है, जिस पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए !
पाक एवं बांग्लादेश, इन इस्लामी देशों के हिन्दुओं के संदर्भ में भारत सरकार मौन रहती है, जबकि भारत के मुसलमानों के विरोध में कुछ भी न होते हुए भी इस्लामी देश भारत से स्पष्टीकरण मांगते हैं !
देश में धर्मांतरविरोधी कानून न होने से ईसाई मिशनरियों को खुली छूट मिलती है, यह देखते हुए जल्द से जल्द यह कानून बनाकर संबंधितों पर कठोर कार्यवाही होना आवश्यक !