राष्ट्रभाषा ‘हिन्दी’ की विशेषताएं, परम कर्तव्य एवं महत्त्व
‘राष्ट्रभाषा की धारणा धर्म के सात्त्विक नीतिमूल्यों पर आधारित है । हिन्दी भाषा में किए जानेवाले व्यवहार रजोगुणी तरंगों से संबंधित हैं ।
‘राष्ट्रभाषा की धारणा धर्म के सात्त्विक नीतिमूल्यों पर आधारित है । हिन्दी भाषा में किए जानेवाले व्यवहार रजोगुणी तरंगों से संबंधित हैं ।
हिन्दी भाषा का मूल संबंध हिन्दू धर्म से होने से उसके विकृतीकरण हेतु हिन्दूद्वेषियों सहित विश्व के सभी घटकों का कार्यान्वित होना : हिन्दी भाषा का अर्थ ‘हिन्दू’ शब्द से जुडा है । इसलिए उसमें सात्त्विकता है
आज के समय में यूरोप का भाषिक राष्ट्रवाद, अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया का भौमिक (भौगोलिक) राष्ट्रवाद, पूर्व के एशियाई देशों का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तथा अमेरिका उपमहाद्वीप के नागरिक को केंद्रबिंदु बनाकर निर्मित ‘नागरिक राष्ट्रवाद’ की तुलना कर ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ विशद करने का दयनीय प्रयास किया जाता है ।
‘कोष्ठबद्धताके लिए गंधर्व हरितकी वटी’ औषधि की २ से ४ गोलियां रात सोने से पूर्व गुनगुने पानी के साथ लें ।
इस प्रकरण में केंद्र सरकार ने स्वतंत्र हस्तक्षेप याचिका अथवा आवेदन देकर न्यायालय से यह अनुरोध किया कि नक्सलियों के समर्थक और वामपंथी विचारधारा के लोग बडी मात्रा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कथित अत्याचार के विरुद्ध झूठी याचिकाएं प्रविष्ट करते हैं ।
आलू को घर की वाटिका में सहजता से ली जानेवाली फसल के रूप में जाना जाता है । आलू सहजता से होनेवाली और बहुत ही अल्प व्यववाली फसल है । गमले, प्लास्टिक की थैलियों, बोरियों, सिरहाने के पुराने खोलों में भी हम आलू की फसल ले सकते हैं ।
सूर्योदय से छह घटिका से अधिक व्यापिनी व भद्रारहित श्रावण पूर्णिमा के दिन अपराह्णकाल में अथवा प्रदोष काल में रक्षाबंधन करें । दूसरे दिन सूर्योदय के उपरांत पूर्णिमा छह घटिका से कम हो, तो पहले दिन भद्रा वर्ज्य कर, प्रदोष काल में रक्षाबंधन करें ।
हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा ‘हम संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे’, यह घोषणा दिए जाने पर आक्रोश कर चिल्लानेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब कहां हैं ? अथवा क्या उन्हें इस्लामी राष्ट्र चलेगा ? यह प्रवृत्ति तो पाखंडी धर्मनिरपेक्षता और हिन्दूविघातक दोहरी नीति का उदाहरण है !
पहले दंगे में सम्मिलित होना, तत्पश्चात मूलभूत अधिकार का हनन हो रहा है कहना, यह उचित नहीं । ऐसा कहते हुए न्यायालय ने धर्मांध की देहली पुलिस के विरुद्ध की याचिका अस्वीकार की ।
बैंगन का रोपण करने से पूर्व हमें उनके पौधे तैयार कर लेना आवश्यक होता है । पौधावाटिका से बैंगन के पौधे लाएं । बैंगन के विभिन्न प्रकारों के अनुसार अलग-अलग बीज उपलब्ध होते हैं । अपनी इच्छा के अनुसार बीज लाएं ।