हिन्दू जनजागृति समिति की यशोगाथा

घटस्थापना के शुभ दिन पर हिन्दू जनजागृति समिति के द्विदशक पूर्ण होने के अवसर पर..

हिन्दू जनता के हित में कार्य करनेवाली तथा हिन्दू राष्ट्र की मांग का बीज बोनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति के २० वर्ष पूर्ण हुए हैं । २० वर्ष पूर्व, ७ अक्टूबर २००२ आश्विन शु. प्रतिपदा अर्थात नवरात्रि की घटस्थापना के मंगल दिवस पर देवताओं का अनादर रोकने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की स्थापना हुई । हिन्दू जनजागृति समिति धर्मजागृति, धर्मशिक्षा, हिन्दू-संगठन, धर्मरक्षा एवं राष्ट्ररक्षा, इन सूत्रों को सामने रखकर अविरत कार्यरत है । देखा जाए तो एक संगठन के रूप में २० वर्षाें की कालावधि एक महत्त्वपूर्ण चरण है । भगवान की कृपा से इन दो दशकों की अवधि में राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे अनेक आघात नष्ट करने, साथ ही अनेक आघातों की तीव्रता अल्प करने में समिति को सफलता मिली है । इस सफलता में हिन्दू धर्मप्रेमियों का हिन्दुत्व के लिए संघर्ष करने की भावना, उनकी सक्रीयता का भी निश्चित ही बडा सहभाग है । इस दृष्टि से पिछले २० वर्षाें में समिति के कार्य को जो सफलता प्राप्त हुई, वह यहां दे रहे हैं । इस सफलता के बारे में बताना आत्मप्रशंसा नहीं, अपितु भगवान के चरणों में अर्पण किए कृतज्ञतापुष्प हैं ।

१. धर्मरक्षा

१ अ. देवताओं का अनादर रोकना

१ अ १. हिन्दूद्वेषीे म.फि. हुसैन की अश्लील चित्र-प्रदर्शनियों का विरोध : अधिकतर हिन्दू समाज आस्तिक है; पर उनकी श्रद्धा पर आघात करने के लिए धर्मांधों द्वारा हिन्दू देवताओं का अनादर किया जाता है । म.फि. हुसैन ऐसा ही एक धर्मांध और हिन्दू विरोधियों में से एक है ! म.फि. हुसैन ने कला के नाम पर हिन्दू देवी-देवताओं तथा भारतमाता के नग्न और अश्लील चित्र बनाए थे । समिति ने हुसैन के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन आरंभ कर उनके विरुद्ध १२५० से अधिक पुलिस थानों में परिवाद प्रविष्ट किया । इसके फलस्वरूप हुसैन को भारत छोडकर इस्लामी देश कतर भागना पडा । वे मरने तक भारत लौटकर नहीं आ पाए । इस प्रकार हिन्दू विरोधी और भारत विरोधी धर्मांध कलाकार को भारत के बाहर निकालने में समिति को सफलता प्राप्त हुई । केवल इतना ही नहीं, अपितु समिति ने संवैधानिक रूप से म.फि. हुसैन द्वारा बनाए चित्रों की सैकडों प्रदर्शनियां बंद करवाईं ।

१ अ २. ‘लक्ष्मी बम’ पटाखों के विरोध में जागृति : ‘लक्ष्मी बम’ पटाखों के विरुद्ध समिति ने अभियान चलाया । लक्ष्मी बम पटाखों के फटने पर पटाखे पर बने लक्ष्मी के चित्र के चिथडे-चिथडे हो जाते हैं, जिससे देवी का अनादर होता है । समिति द्वारा अनेक वर्ष तक चलाए गए अभियान के उपरांत आज ‘लक्ष्मी बम’ पटाखों की निर्मिति बहुत ही अल्प हो गई है । पटाखों पर देवता अथवा राष्ट्रपुरुषों के चित्र न हों, इस हेतु समिति के अभियान अभी भी जारी हैं ।

१ अ ३. अन्य : अभी तक प्रत्यक्ष में आंदोलन कर १७ नाटक, दूरदर्शन वाहिनी तथा ओ.टी.टी. प्लेटफार्म के ८ धारावाहिक, ८ चलचित्र आदि माध्यमों से होनेवाला देवताओं और राष्ट्रपुरुषों का अनादर रोकने में समिति को सफलता मिली है । इसमें ‘यदा-कदाचित्’, ‘बिघडले स्वर्गाचे दार’ जैसे मराठी नाटक; ‘गल्लीत गोंधळ दिल्लीत मुजरा’, ‘सिंघम रिटर्न्स’, ‘गुरुपूर्णिमा’ आदि फिल्में; साथ ही ‘द लव गुरु’ जैसे हॉलीवुड की फिल्में हैं । विनोद के नाम पर हिन्दुओं के देवताओं का अनादर करनेवाले मुनव्वर फारूकी के मुंबई, देहली, गोवा आदि स्थानों के कार्यक्रम समिति के विरोध के कारण रद्द किए गए । कुछ दिन पूर्व ‘एक्जॉटिक इंडिया’ तथा ‘अमेजन’ ने श्रीकृष्ण एवं राधा का अत्यंत अश्लील चित्र बिक्री के लिए रखा था, जिसका तीव्रता से विरोध होने से उसे दोनों ही जालस्थलों (वेबसाइट) से हटाया गया । अनादर करनेवाली वस्तुओं की बिक्री करनेवाले ‘अमेजन’ जैसे प्रतिष्ठानों के विरुद्ध भी समिति ने वैधानिक मार्ग से लडाई लडकर देवताओं का हो रहा अनादर रोकने में सफलता प्राप्त की है ।

इससे ध्यान में आता है कि हममें धर्मरक्षा करने की सच्ची लगन हो, तो अल्प मनुष्यबल, अल्प साधन, अल्प सामग्री ऐसी अनेक अडचनें होते हुए भी भगवान हमें सफलता प्रदान करते हैं । भविष्य में हिन्दुओं के देवता, उनके श्रद्धास्थान, राष्ट्रपुरुष, उनका अनादर तो क्या, उनकी ओर तीरछी दृष्टि से देखने का भी किसी को साहस नहीं हो, ऐसी परिस्थिति हमें निर्माण करनी है ।

श्री. रमेश शिंदे

१ आ. हिन्दूविरोधी कानूनों का विरोध

समिति ने राष्ट्र एवं धर्म पर आघात करनेवाले काले कानूनों का भी तीव्रता से विरोध किया । इसमें ‘मंदिर सरकारीकरण कानून’, ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून’, ‘सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा विरोधी कानून’ आदि हिन्दू विरोधी कानून हैं ।

१ आ १. मंदिर सरकारीकरण कानून : मंदिरों की सुव्यवस्था के नाम पर महाराष्ट्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने साढे चार लाख मंदिरों का सरकारीकरण करने का प्रयत्न किया था । समिति ने इसके विरोध में बडी मात्रा में गांव-गांव और शहर-शहर में जनजागृति की । समिति के आंदोलन के कारण महाराष्ट्र में यह कानून पारित नहीं हो सका । मंदिर सरकारीकरण से मुक्त होकर भक्तों के अधीन रहें, इस उद्देश्य से समिति के राष्ट्रीय स्तर पर अभियान जारी हैं ।

१ आ २. जादू-टोना विरोधी कानून : नास्तिकतावादी ‘महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ (अंनिस) के दबाव के कारण हिन्दुओं की धार्मिक प्रथा-परंपरा; उदा. पंढरपुर की यात्रा, सत्यनारायण की पूजा, इन्हें अंधश्रद्धा बताकर उनपर प्रतिबंध लगाने का प्रयत्न किया गया । इसके विरोध में समिति ने तीव्र आंदलोन छेडा । परिणामस्वरूप अंनिस द्वारा बनाए कानून की २७ धाराओं में से १५ हिन्दूविरोधी धाराएं न्यून कर १२ धाराएं कानून अधिसूचना द्वारा सम्मत करानी पडी । धर्माचरण पर आघात करनेवाली धाराएं रद्द करने से राज्य की हिन्दू जनता धर्माचरण कर सकती है । हिन्दू संगठित हुए, तो सरकार मनमाने ढंग से हिन्दू विरोधी कानून नहीं बना सकती, यह इससे स्पष्ट होता है ।

१ इ. राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन

वाराणसी में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में सहभागी राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी

राष्ट्र एवं धर्म पर हो रहे आघातों के विरुद्ध समिति विगत १० वर्षाें से सडक पर उतरकर भी संवैधानिक रूप से ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ चला रही है । इन आंदोलनों के कारण मिली सफलता के कुछ उदाहरण आगे दिए हैं –

१ इ १. डॉ. जाकीर नाइक पर कार्यवाही : आतंकवाद की सीख देनेवाले हिन्दूद्वेषी डॉ. जाकीर नाइक पर कार्यवाही करें, यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन से लगातार की । इससे संज्ञान लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने जाकिर नाइक के आंतकवादियों के साथ संबंध का पता लगाया और केंद्र शासन ने उसके ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ संगठन पर प्रतिबंध लगाया । भारत में अवैध रूप से चल रहे नाइक का ‘पीस टीवी’ का प्रसारण समिति के आंदोलन के कारण बंद हुआ ।
धर्मजागृति होने से ही धर्मरक्षा हो सकती है । इस दृष्टि से समिति ने धर्मजागृति के अनेक उपक्रम चलाए ।

२. धर्मजागृति

२ अ. लव जिहाद

जब सर्वधर्मसमभाव की भ्रामक संकल्पना के कारण ‘लव जिहाद’ की वास्तविकता समाज को स्वीकार नहीं हो रही थी, तब समिति ने धडल्ले से ‘लव जिहाद’ के विषय पर व्याख्यान, लेख, ज्ञापन, पीडित लडकियों का समुपदेशन आदि के माध्यम से समाज में जागरण किया । इसके अंतर्गत समिति ने ‘लव जिहाद’ ग्रंथ प्रकाशित किया । ‘लव जिहाद’ की बलि चढी लडकियों को छुडाने के लिए, साथ ही उन्हें मानसिक, आध्यात्मिक आधार देने के लिए समिति ने प्रयत्न किया । ‘लव जिहाद’ अस्तित्व में नहीं है, इस स्थिति से आज ‘लव जिहाद’ की सच्चाई को मान्य करता उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात आदि ११ राज्यों में इस विषय में कानून लागू हुआ है । इस कानून के लिए लोगों की मानसिकता निर्माण करने का कार्य हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।

२ आ. हलाल जिहाद

‘लव जिहाद’ की भांति ही समिति ने ‘हलाल जिहाद’ की भयावह स्थिति उजागर की । हलाल की संकल्पना केवल मांस तक सीमित नहीं है, अपितु खाद्यपदार्थाें और नित्य जीवन के उपयोग में आनेवाली अनेक वस्तुएं आज हलाल प्रमाणित हो रही हैं । हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से सामान्य लोगों का धन जिहादी विचारधारावाले संगठनों के हाथ में जा रहा है तथा हलाल जिहाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर आक्रमण सिद्ध हो रहा है । इस विषय पर समिति ने आंदोलन आरंभ किया है तथा इस विषय पर ग्रंथ भी प्रकाशित किया है । समिति के आंदोलन के कारण लव जिहाद की भांति हलाल जिहाद का भी सरकार के द्वारा संज्ञान लिया जाएगा और अंततः हलाल प्रमाणपत्र व्यवस्था बंद की जाएगी, यह आशा है ।
धर्मजागृति के कारण धर्मशिक्षित हुआ समाज ही हिन्दू राष्ट्र की नींव रख सकता है ।

– श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति