कनाडा के खलिस्तानवादी नेता द्वारा भारत सरकार पर मुसलमान विरोधी भावना भडकाने का आरोप !

विदेश में राजकारण करने में सक्रिय होनेवाले ऐसे खलिस्तानवादी नेताओं के विरोध में भारत सरकार को प्रथम पहल करनी चाहिए । खलिस्तानवाद समूल नष्ट करने के लिए प्रथम ऐसे नेताओं पर कारवाई करना आवश्यक !

असम के अनेक जिलों में हिन्दू ही अल्पसंख्यक बन गए हैं ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

जिन जिलों में ‘हिन्दू बहुसंख्यक’ नहीं हैं, न्यूनतम उन जिलों में तो हिन्दुओं को ‘अल्पसंख्यक’ घोषित किया जाए । असम में ऐसे अनेक जिले हैं, जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं । उनमें भी कुछ जिलों में हिन्दुओं की संख्या ५ सहस्र से भी अल्प है और वहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं ।

‘हलाल मांस’ एक ‘आर्थिक जिहाद’ !

हिन्दू जनजागृति समिति सहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों ने भी ‘हलाल’ पद्धति के विषय में जनजागरण किया है । तभी यदि सरकार इस प्रकार की व्यापक जांच करती, तो ऐसी बातों पर लगाम लग सकती थी ! सरकार अब तो इसकी जांच कर जनता के सामने सच्चाई लाए, यही हिन्दुओं की अपेक्षा है !

कर्नाटक उच्च न्यायालय का हिजाब के विरोध में अध्ययनपूर्ण निर्णय !

कर्नाटक उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने विद्यालयों और महाविद्यालयों में हिजाब बंदी का विरोध करनेवाली धर्मांधों की याचिकाएं खारिज कीं । यह महत्त्वपूर्ण बात है तथा उच्च न्यायालय का यह निर्णय दूरगामी परिणाम करनेवाला है ।

केरल के एक मंदिर में ‘इफ्तार’ का आयोजन !

‘हिंदू मुसलमान एकता’ मृगजाल के समान है इसका इतिहास ज्ञात होनेपर भी मंदिर के अध्यक्ष कौनसी दुनिया में रह रहे हैं ?

‘हिंदू मुसलमान बहुल क्षेत्र में जाने के कारण श्रीरानवमी की शोभायात्राओं पर हुए आक्रमण हेतु हिंदू ही उत्तरदायी !’

भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, अत: प्रत्येक धर्मीय को देश में कहीं भी जाने की स्वतंत्रता सिंवधान द्वारा दी गई है । हिंदू यदि उस का पालन करते हैं, तो वह गलत कैसे ?

भारत-नेपाल सीमा के आसपास, मदरसों और मस्जिदों की संख्या में प्रचंड वृद्धि !

केवल आंकडे एकत्र करना ही उपयोगी नहीं है, अपितु यहां की अनधिकृत मस्जिदों और मदरसों के विरोध में तत्काल प्रभावी कार्रवाई करना अनिवार्य है ! ‘इस तरह का अवैध निर्माण होने तक प्रशासन और गुप्तचर विभाग क्या कर रहे थे ?’ ; इस पर भी त्वरित ध्यान देने की आवश्यकता है !

श्री रामनवमी के जुलूसों पर देश के ५ राज्यों में धर्मांध कट्टरपंथियों का आक्रमण !

हिन्दू राष्ट्र में हिन्दुओं के ही धार्मिक जुलूसों पर आक्रमण करने का साहस अनेक वर्षों से चला आ रहा है । इस स्थिति को बदलने के लिए, अब हिन्दुओं को युद्ध स्तर पर संवैधानिक मार्गों से सर्वंकष प्रयास करने चाहिए ।

गोरखनाथ मन्दिर पर आक्रमण करनेवाले मुर्तझा के विदेश में इस्लामी संस्थाओं से सम्बन्ध !

भारत के क्रमांक २ के अभियांत्रिकी महाविद्यालय से शिक्षित धर्मांध के इस कृत्य से ‘धर्माधों ने कितना भी उच्च शिक्षण लिया हो, तो भी उनकी जिहादी मानसिकता जाती नहीं और उन्हें धर्म ही महत्व का होता हैं’; यह सिद्ध होता हैं ।

हिन्दू युवक से विवाह करने पर, युवक को मुसलमान युवती के परिवार ने पीटा !

सामान्यतः मुसलमान युवक जब हिन्दू महिलाओं से विवाह करते हैं तथा हिन्दू उसका विरोध करते हैं, तब मुसलमानों का तुष्टीकरण करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब क्यों नहीं बोलते ?