भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र’ निर्माण करने का उद्देश्य ! – जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी हबीबुल

हिन्दुओं, भारत पुन: इस्लामी राजसत्ता के नियंत्रण में जाने से पूर्व हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !

आतंकियों द्वारा चलाई जा रही जिहाद की ३ पद्धतियां !

जिहाद का अर्थ है ‘तलवार के बल पर आगजनी और बलात्कार करते हुए काफिरों की (गैरमुसलमानों की) अंधाधुंध हत्याएं करते हुए उनकी संपत्ति लूटना और उनकी स्थाई और अन्य संपत्ति हडप लेना !’ वास्तव में देखा जाए तो एक पंथ के रूप में इस्लाम का अध्यात्म के साथ थोडा भी संबंध नहीं है ।

हिन्दुओं का वंशविच्छेद तथा इस्लामी वंशवृद्धि ही उद्देश्य !

लव जिहाद का उद्देश्य हिन्दू वंशवृद्धि का स्रोत नष्ट करना, इस्लामी वंशवृद्धि करना, हिन्दू महिलाओं का तस्करी और आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए उपयोग कर भारत का इस्लामीकरण करना है !

‘लव जिहाद’ के लिए विभिन्न संगठनों की स्थापना और उसका व्यापक स्वरूप !

केरल में ‘लव जिहाद’ के द्वारा धर्मांतरित हुए लोगों को ४० दिन का प्रशिक्षण देनेवाले ३ इस्लामी केंद्र हैं । इन ३ केंद्रों में एक ही समय में १८० युवतियां रह सकती हैं । यहां इन युवतियों को कुरआन, जिहाद आदि सिखाया जाता है ।

सलमान रश्दी द्वारा लिखित पुस्तक ‘सेटनिक वर्सेस’ के कारण उनके ऊपर आक्रमण ! – लेखिका तस्लिमा नसरीन

प्रसिद्ध लेखक सलमान रश्दी पर अमेरिका के २४ वर्षीय ईरानी-अमेरिकन हादी मातर ने आक्रमण किया ।

उत्तरप्रदेश के एजाज ने हिन्दू महिला पर बलात्कार कर किया उसे धर्मान्तरित !

उत्तरप्रदेश में धर्मान्तरण एवं लव जिहाद विरोधी कानून होने पर भी उसकी प्रभावी कार्यवाही होती है क्या ? निरन्तर हो रही ऐसी घटनाओं से यह प्रश्न उपस्थित होता है । ऐसे प्रकरणों के अपराधियों पर यथाशीघ्र कठोर से कठोर कार्यवाही हुए बिना ऐसी घटनाएं रुक नहीं सकती !

झारखंड में धर्मांधों ने ५ सरकारी विद्यालयों को बंद करने पर किया बाध्य !

इससे यह ध्यान में आता है कि धर्मांध अब कानून, सरकार आदि किसी को भी महत्त्व नहीं देते ! ऐसों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी ?

‘भजन गाना शरीयत के विरुद्ध !’

‘यू-ट्यूब’ की गायिका फरमानी नाज ने कावड यात्रा के लिए भगवान शिव का ‘हर हर शंभू’ यह भजन गाने से देवबंद के उलेमा ने आलोचना करते हुए कहा कि यह शरीयत के विरुद्ध है ।

कानपुर के एक निजी विद्यालय में हिन्दू छात्रों को इस्लामी ´कलमा´ पढ़ाया जा रहा है !

यदि भगवद् गीता का कोई श्लोक कभी किसी विद्यालय में मुसलमान या ईसाई छात्रों को पढ़ाया जाए या सुनाने के लिए कहा जाए, तो क्या वे कभी उसका पठन करेंगे ?