नई दिल्ली – प्रसिद्ध लेखक सलमान रश्दी पर अमेरिका के २४ वर्षीय ईरानी-अमेरिकन हादी मातर ने आक्रमण किया । वर्ष १९८९ में रश्दी के विरोध में फतवा निकालने वाले अयातुल्ला खोमेनी और उनके उत्तराधिकारी अयातुल्ला खामेनी के छायाचित्र हादी मातर के फेसबुक खाते पर हैं । इस कारण आक्रमण के पीछे के हेतु का अब आप ही अंदाज लगा सकते हैं, ऐसा ट्वीट बांग्लादेशी और अब भारत में रहने वाली लेखिका तस्लिमा नसरीन ने किया ।
Bangladeshi author Taslima Nasreen said that if Salman Rushdie, who was living in protection in the US, could be attacked, then anyone critical of Islam could meet the same fate.#SalmanRushdie https://t.co/KMFHAZ8JSP
— IndiaToday (@IndiaToday) August 12, 2022
एक अन्य ट्वीट में नसरीन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि, रश्दी द्वारा ‘सेटनिक वर्सेस’ यह पुस्तक लिखने के कारण जिस व्यक्ति को उन्हें मारना था, उसने यह पुस्तक पढी नहीं । मुझे लगता है कि, पुस्तकें लिखने के कारण मुझे जान से मारने की धमकी देने वाले इस्लामवादियों ने भी मेरी एक भी पुस्तक पढी नहीं है ।
धर्मचिकित्सा से इस्लाम को छूट ना हो ! – नसरीनतस्लिमा नसरीन ने आगे कहा कि, अन्य सभी धर्मों पर लागू होने वाली धर्मचिकित्सा से इस्लाम को छूट ना दी जाए । इस्लाम धर्म को अमानवीय, भेदभाव करने वाला, साथ ही अवैज्ञानिक और तर्कहीन पहलुओें पर प्रश्नचिंह लगाकर इस्लाम को प्रबोधन प्रक्रिया से आगे लेकर जान चाहिए । |