(और इनकी सुनिए…) ‘लीथियम का उपयोग केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ही करें !’ – पीपल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट

ऐसी धमकी देनेवाले आतंकवादी को ढूंढकर सबक सिखाया जाए तो कोई ऐसी धमकी देने का दुस्साहस नहीं करेगा !

केंद्र सरकार ने आतंकवादी संगठन ‘पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ पर प्रतिबंध लगा दिया है !

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त´ पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट´और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है ।

वर्ष २०२२ में कश्मीर में १७२ आतंकवादी मारे गए !

यद्यपि कश्मीर में प्रतिवर्ष १०० से अधिक आतंकवादी मारे जाते हैं, तब भी पाकिस्तान में उनकी निर्मिति चलती ही रहती है । इसलिए कश्मीर में आतंकवाद नष्ट नहीं होता । अत: उसे जड से नष्ट करने हेतु पाकिस्तान को नष्ट करना आवश्यक है !

कश्मीर में आतंकवादियों के घर पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर !

सरकारी भूमि पर घर बनाए जाने तक प्रशासन सो रहा था क्या ? इसके लिए उत्तरदायी लोगों पर भी कार्यवाही करें !

शोपिया – (जम्मू-कश्मीर) यहां मारा गया १ जिहादी आतंकवादी

राष्ट्रप्रेमियों को लगता है कि आतंकियों को जड से समाप्त करने के लिए उनका समर्थन करने वाले पाकिस्तान को पूर्णत: नष्ट करने हेतु भारत को कठोर कदम उठाने चाहिए !

उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखंड राज्यों में रेलवे स्थानक तथा हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर बम विस्फोट करने की धमकी

आतंकवादियों का धर्म होता है, इस धमकी से यही ध्यान में आता है !

कश्मीर में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकी

कश्मीर में केवल जिहादी आतंकवादियों को मारकर आतंकवाद नष्ट नही होगा, बल्कि इसके निर्माता पाकिस्तान को भी नष्ट कऱना आवश्यक !

भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र’ निर्माण करने का उद्देश्य ! – जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी हबीबुल

हिन्दुओं, भारत पुन: इस्लामी राजसत्ता के नियंत्रण में जाने से पूर्व हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें !

कानपुर से जैश-ए-महम्मद के आतंकवादी को बंदी बनाया गया ।

जिहादी आतंकवादियों द्वारा खोखला हुआ भारत ! ऐसे लोगों को फांसी का दंड देना चाहिए !

‘जैश-ए-मुहम्मद’ के संस्थापक आतंकवादी मसुद अजहर को ‘साहेब’ संबोधित किया !

कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ‘ओसामाजी’ कहना, ‘वर्ष २००१ में संसद पर हुए आक्रमण के सूत्रधार मुहम्मद अफजल का प्रकरण ठीक से नहीं निपटाया’, ऐसा आरोप लगाना ! वर्ष १९९३ के बमविस्फोट के अपराधी याकुब मेमन को फांसी का दंड न हो, इसलिए अंत तक प्रयास करना, आतंकवादी मसुद अजहर को ‘साहब’ संबोधित करना, कांग्रेसी नेताओं का जिहादी आतंकवादियों का समर्थन करने का इतिहास ऐसा ही है ।