नए रेल मार्ग के निर्माण में आनेवाले मंदिर के श्री हनुमान को रेलवे प्रशासन की नोटिस !

रेलवे प्रशासन कभी चर्च और मस्जिद को इस प्रकार नोटिस भेजकर उसके अनुसार कार्यवाही करता है क्या ?

पाकिस्तान के शीघ्र ही ४ टुकडे होंगे एवं ३ टुकडा भारत में विलय होगा ! – योग गुरु रामदेव बाबा

पाकिस्तान शीघ्र ही ४ भागों में विभाजित हो जाएगा । बलुचिस्तान एक अलग देश बनेगा । सिंध, पंजाब एवं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का भी भारत में विलय किया जाएगा ।

भगवान बालाजी तथा श्री हनुमान द्वारा जो आदेश आते हैं, वही मैं कहता हूं ! – बागेश्‍वर धाम पीठ के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

मैं कोई तपस्वी अथवा मन की बात जाननेवाला नहीं हूं । जब मैं गादी पर (बागेश्‍वर धाम पीठ की गादी) बैठा नहीं होता, तब एक सामान्य मनु्ष्य होता हूं, परंतु गादी पर बैठ कर भगवान बालाजी तथा श्री हनुमानजी का स्मरण करने पर जो आदेश मिलते हैं, मैं वही कागज पर लिखता हूं ।

पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री के समर्थन में ५० सहस्र साधु-संत  रास्ते (सड़क) पर उतरेंगे  !

कोई भी संस्था पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन पर आरोप करती होगी एवं इनकी प्रतिष्ठा में बाधा लाती होगी तो उनके विरोध में ५० सहस्त्र साधु- संत रास्ते (सडक) पर उतरेंगे।

चमत्कार के द्वारा जोशीमठ गांव का भूस्खलन रोककर दिखाए जयजयकार करेंगे !

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री की नाम लिए बिना चुनौती !

‘चैट जीपीटी’ टेक्नोलॉजी सिस्टम हिंदू देवी-देवताओं और शास्त्रों का अपमान कर रहा है

केंद्र सरकार  को इस ओर तत्काल ध्यान देकर यह अपमान रोकने का प्रयास करना चाहिए !

हिन्दू छात्रों को सांताक्लॉज बनाना, उनको ईसाई धर्म की ओर मोडने का षड्यंत्र !

कॉन्वेंट पाठशालाओं में हिन्दू छात्रों को तिलक, कुमकुम लगाने, चूडियां पहनने इत्यादि कृत्य करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो हिन्दुओं की पाठशालाओं में ईसाईयों का उत्सव क्यों मनाएं ?

काशी एवं तमिळनाडु के लोगों का डीएनए एक ही है ! – संशोधनों का निष्कर्ष

अपने आप को ‘द्रविड’ मानकर देश के अन्य हिंदुओं से अलग समझने वाले तमिलनाडु के हिंदू द्रोहियों को (थप्पड़) चपकार !

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) के विद्यालय में अंग्रेजी वर्णमाला द्वारा भारतीय संस्कृति सिखाने का प्रयास

किसी एक  विद्यालय द्वारा ऐसा प्रयास करने के स्थान पर केंद्र और राज्य सरकारों को ही इस प्रकार की पुस्तकें बनाना आवश्यक है ! पिछले ७५ वर्षों में ऐसे प्रयास न होना, यह अभी तक की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए लज्जास्पद ही है !

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए तन, मन, धन, बुद्धि और कौशल का योगदान करना, यही काल के अनुसार गुरुदक्षिणा !

आज प्रत्येक व्यक्ति धर्माचरण करने लगा, उपासना करने लगा, तो ही वह धर्मनिष्ठ होगा । ऐसे धर्मनिष्ठ व्यक्तियों के समूह से धर्मनिष्ठ समाज की निर्मिति हो सकती है । धर्मनिष्ठ होने के लिए धर्म के अनुसार बताई उपासना अर्थात साधना करना अनिवार्य है ।