केळशी (गोवा) में ‘पांचजन्य’ पत्रिका द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन !
मडगाव (गोवा), २५ दिसंबर (वार्ता.) – केंद्रीय सडक निर्माण एवं नागरी उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने प्रतिपादन करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में अटके श्रमिकों को छुडाने का बचावकार्य स्थानीय श्री बौखनाग देवता पर श्रद्धा साथ ही ज्ञान तथा कर्म के कारण सफल हुआ । केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आए, तबसे भारत की विदेश नीति में बडा परिवर्तन हुआ है । इसी कारण वर्ष २०१५ में यमन की युद्ध सदृश परिस्थिति से भारतीयों को सुरक्षित अपने देश में लानेवाला ‘ऑपरेशन राहत’, साथ ही वर्ष २०२२ में यूक्रेन स्थित भारतीयों को भारत लाने के लिए कार्यान्वित ‘ऑपरेशन गंगा’ आंदोलन सफल हुए । सितंबर २०२३ में देहली में हुई ‘जी-२० परिषद’ का सुयश भी इसी की देन है ।’
‘पांचजन्य’ नामक हिन्दुत्वनिष्ठ हिन्दी पत्रिका द्वारा २४ दिसंबर को मडगाव के निकट केळशी स्थित ‘नोवाटेल डोना सिल्विया रिसॉर्ट’ में ‘सागरमंथन सुशासन संवाद २.०’ नामक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम को गोवा राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी एवं केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाईक ने संबोधित किया । इस परिसंवाद में ‘सांस्कृतिक प्रेरणा’, ‘स्वस्थ भारत का सूत्र’, ‘राष्ट्र-धर्म’ आदि विषयों पर उपस्थित मान्यवरों ने संबोधित किया ।
विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे, कर्णावती (गुजरात) के विख्यात अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. केयूर बूच, देहली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विख्यात वैद्य महेश व्यास, अमूल कंपनी के प्रबंध निर्देशक जयेन मेहता, दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के महासचिव अतुल जैन, संपर्क भारती नामक विदेश में कार्य करनेवाले राष्ट्रनिष्ठ संगठन के कर्नल तेज कुमार टिक्कू, ‘पांचजन्य’ के मुख्य संपादक हितेश शंकर आदि ने भी संबोधित किया ।
केंद्र सरकार को अपेक्षित विकास साध्य करने में गोवा अग्रसर ! – मुख्यमंत्री प्रमोद सावंतइस समय गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने ‘गतिमान गोवा, सशक्त भारत’ नामक सत्र को संबोधित किया । ‘पांचजन्य’ के प्रमुख संपादक हितेश शंकर ने उनका साक्षात्कार लिया । इस समय मुख्यमंत्री ने निम्नलिखित सूत्र प्रस्तुत किए – १. केंद्र सरकार की अपेक्षा के अनुरूप गोवा का विकास साध्य करने में गोवा अग्रसर है । गोवा की इच्छाशक्ति के कारण यह संभव हुआ । २. केंद्र सरकार ने गोवा के लिए २५ सहस्र करोड रुपए की सहायता प्रदान की है तथा नियोजित ९० प्रकल्पों में से १७ प्रकल्प पूर्ण हुए हैं । ३. गोवा के वायुयानतल, बंदरगाह एवं रेलमार्ग राष्ट्रीय महामार्ग से जुड गए हैं । इस कारण अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोवा से माल का निर्यात करना संभव होगा । ४. ‘स्वयंपूर्ण गोवा’ योजना कार्यान्वित करने के अंतर्गत गोवा में दूध का उत्पादन ३० से ४० प्रतिशत बढाने का प्रयास किया । राज्य में शाक-तरकारी के उत्पादन में भी बढोतरी की है । इसका सारा श्रेय सरकारी अधिकारी, सभी पंचायतों के सदस्य एवं जनता को दिया जाता है । ५. क्या ‘गोवा में पाश्चात्त्य संस्कृति है’, ऐसी गोवा की छवि निर्माण की जा रही है ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गोवा की संस्कृति ऐसी नहीं है । गोवा में पुर्तगालियों ने ४५० वर्ष राज्य करने के उपरांत भी गोवा में हमारे पूर्वजों ने भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखा है । यह गोवा की विशेषता है । ‘सूर्य, रेती एवं समुद्रकिनारे’ (सन, सैंड एंड सी) यह गोवा की संस्कृति नहीं है, अपितु गोवा में भारतीय संस्कृति दिखानेवाले बहुत से क्षेत्र हैं । धार्मिक पर्यटन, कृषि पर्यटन ऐसे अनेक क्षेत्रों में हमें काम करना है । गोवा सरकार ने यहां के प्राचीन सप्तकोटेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण किया है ।’’ |