‘सनातनी और भारतीय हैं, तो इस पश्चिम विकृति का बहिष्कार करें’, ऐसा आवाहन भी किया !
बागेश्वर (मध्य प्रदेश) – भारत के जितने भी सनातनी हिन्दू अभिभावक और माता-पिता हैं उन्होंने उनके बच्चों को सांताक्लॉज बनाकर चर्च में भेजने की अपेक्षा उन्हें श्रीहनुमान जी के मंदिर में ले जाकर दर्शन करें और प्रसाद ग्रहण करें, ऐसा आवाहन बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने किया । वे पत्रकारों से बात कर रहे थे । उन्होंने क्रिसमस मनाने के बजाय मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का आह्वान किया । ‘यदि आप सनातनी और भारतीय होंगे, तो इस पश्चिमी विकृति का बहिष्कार करें’, ऐसा भी उन्होंने कहा ।
पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि सनातनी हिन्दुओं ने अपनी विराट सनातन संस्कृति को ध्यान में रखकर घर-घर तुलसी का पूजन करना चाहिए । भारतीय संस्कृति में क्रिसमस का कोई भी स्थान नहीं । इस कारण प्रत्येक हिन्दू परिवार को अपने बच्चों पर सनातन धर्म का संस्कार कर उनका विकास करना चाहिए । उन्हें संत मीराबाई के समान, महारानी लक्ष्मीबाई और स्वामी विवेकानंद के समान कार्य करने के लिए प्रेरित करें ।