मुसलमान युवक ने आई.ए.एस. अधिकारी की लडकी को प्रेमजाल में फंसाकर उससे किया विवाह !

आई.ए.एस. अधिकारी की लडकी को भी प्रेमजाल में फंसाकर उससे बलपूर्वक विवाह करने तक लव जिहादियों की मजाल पहुंच गई है । इस कारण ही अब लव जिहाद विरोधी कानून में अब कठोर दंड का प्रावधान आवश्यक हो गया है !

उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर लगे १ लाख भोंपू उतारे गए ! – योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी है कि ‘‘उत्तर प्रदेश राज्य के धार्मिक स्थलों पर लगे १ लाख भोंपू हटाए गए हैं’’ । उन्होंने कहा कि ‘‘इतनी बडी संख्या में भोंपू उतारने से राज्य में कोलाहल अल्प हो गया है ।

भारतीय युवकों का सेना के प्रति आकर्षण !

सेना में भर्ती होने के लिए उसके रात में दौडने का अभ्यास करनेवाला वीडियो सामाजिक माध्यमों पर बडी मात्रा में प्रसारित हो रहा है । भारतीय युवकों में सेना के प्रति आकर्षण है । अनेक युवकों को सेना में भर्ती होने की इच्छा होती है ।

‘मीडिया ट्रायल’ और उसके समाज, पुलिस और न्यायतंत्र पर होनेवाले दुष्परिणाम !

माध्यम (पत्रकारिता) तो लोकतंत्र के ४ मूलभूत स्तंभों में से एक हैं । लोकतंत्र को बनाए रखने में इन माध्यमों का अनन्यसाधारण महत्त्व है । लोगों के मत बनाना, मतों को बदलना, किसी विशिष्ट विषय पर चर्चा करवाना और उस विषय को समाज के सामने लाना; इन में ये माध्यम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।

रासायनिक अथवा जैविक कृषि नहीं, अपितु प्राकृतिक कृषि अपनाइए !

भूमि में फॉस्फरस, यशद (जिंक), पोटैश, तांबे समान अनेक खनिज घटक होते हैं; परंतु ये घटक स्वयं ही वनस्पति को अन्न के रूप में उपलब्ध नहीं होते । केंचुए, इसके साथ ही भूमि के सूक्ष्म जीवाणु उन घटकों से अन्न निर्माण करते हैं और वनस्पतियों की जडों को देते हैं ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता के नाम से मिलनेवाले और संदेहजनक आचरणवाले व्यक्ति से सतर्क रहें और समिति को तुरंत उसकी जानकारी दें !

हिन्दू जनजागृति समिति सदैव ही संवैधानिक मार्ग से कार्य करती है, यह बात स्थानीय संगठन के कार्यकर्ताओं को ज्ञात होने से कथित हिन्दुत्वनिष्ठ व्यक्ति आक्रामक पद्धति से बोल रहा था, यह देखकर स्थानीय कार्यकर्ताओं को थोडा संदेहजनक लगा ।

रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम में निर्माण सेवाओं के अंतर्गत बढई काम की कुशलतावाले कारीगारों की आवश्यकता !

रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम का अवलोकन करने के लिए देश-विदेशों से अनेक जिज्ञासु आते हैं । उनमें से कुछ लोग साधना करने हेतु, तो कुछ लोग साधना की अगली बारिकियां सिखने सीखने के लिए आश्रम में रहने की इच्छा व्यक्त करते हैं । आश्रम में रहनेवाले साधकों की संख्या प्रतिदिन बढ रही है और उसके कारण आश्रम की वर्तमान वास्तु निवास के लिए अल्प पड रही है ।

स्वयं महर्षि जिनकी महिमा वर्णन करते हैं, ऐसे श्रीमन्नारायणस्वरूप परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

इस विश्व में अनेक लोग स्वयं को ‘गुरु’ कहलाते हैं; परंतु उनमें ‘सच्चे गुरु’ ऐसे कोई नहीं हैं । सप्तर्षियों की दृष्टि से इस पृथ्वी पर ‘गुरु’ अर्थात केवल परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ही हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के रूप में साक्षात भगवान ही ‘गुरु’ के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए हैं ।

आपातकाल में सभी मनुष्य जीवित रहें; इसके लिए और सृष्टि के कल्याण हेतु क्रियाशील एकमेव द्रष्टा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकाल में रक्षा होने हेतु व्यक्ति स्वयं के बलबूते पर चाहे कितनी भी तैयारी कर ले, तब भी भूकंप, सुनामी जैसी महाभीषण आपदाओं से बचने हेतु संपूर्ण भार भगवान पर ही सौंपना पडता है । व्यक्ति ने साधना कर भगवान की कृपा पाई, तो वे किसी भी संकट में उसकी रक्षा करते ही हैं ।