आपातकाल की भीषणता के विषय में समय-समय पर सूचित कर उसके संदर्भ में उपाय निकालनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

भविष्यवेत्ता केवल भविष्यवाणी करते हैं, तो गुरु कृपावत्सल होते हैं । उसके कारण ही द्रष्टा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने आपातकाल की आहट पहचानकर साधकों को उस विषय में केवल सूचित ही नहीं किया, अपितु आनेवाले समय में साधकों को सुविधाजनक हो; इसके लिए प्रत्यक्ष उपाय भी आरंभ किए ।

साधकों की आपातकाल में रक्षा होने हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत कृपावत्सल परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

‘दुर्भाग्य का भयावतार’, ‘जिसे नरक कहते हैं, क्या वह यही है ?’, जैसे शीर्षकों द्वारा वर्तमान समाज की स्थिति कितनी भयावह है, यह समझ में आता है ।

विशिष्ट कष्ट के लिए विशिष्ट देवता का नामजप

सनातन के साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कारण आध्यात्मिक कष्ट होने लगे, तब परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने हमें समय-समय पर बताया कि ‘सनातन के साधक ईश्वरीय राज्य (हिन्दू राष्ट्र) की स्थापना हेतु कार्यरत हैं; उसके कारण ही साधकों को अधिकांश कष्ट भुगतने पड रहे हैं ।

स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन कर भगवान को अपना बनाने के लिए कहना

‘मन, बुद्धि एवं चित्त शुद्ध हुए बिना हम भगवान से एकरूप नहीं हो सकते’, यह सिद्धांत है । इस प्रकार भगवान को अपना बनाना सिखाकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी बहुत पहले से साधकों से आपातकाल की तैयारी करवा ले रहे हैं । 

प्राणशक्ति प्रणाली उपचार पद्धति ढूंढना

रोगनिवारण के संदर्भ में बिंदुदाब, रिफ्लेक्सोलॉजी आदि उपचार-पद्धतियों में पुस्तकें अथवा जानकारों की सहायता आवश्यकता होती है । पिरैमिड, चुंबक चिकित्सा आदि उपचार-पद्धतियों में संबंधित साधन आवश्यक होते हैं ।

आपातकाल की स्थिति के विषय में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा व्यक्त किए गए उद्गार !

एक बार दैनिक ‘सनातन प्रभात’ में छपा चीन से संबंधित एक समाचार देखकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी कहने लगे, ‘‘आनेवाले कुछ वर्षाें में आपकी पीढी को तीसरा विश्वयुद्ध देखने के लिए मिलेगा । चीन पहले युद्ध की घोषणा करेगा और उसके उपरांत तीसरा विश्वयुद्ध आरंभ होगा ।’’

यदि भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हुआ, तो पूरे वर्ष में १५ देश स्वयं को हिन्दू राष्ट्र घोषित करेंगे ! – जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी

‘‘यदि भारत स्वयं को हिन्दू राष्ट्र घोषित करता है, तो एक वर्ष में अन्य १५ देश स्वयं को हिन्दू राष्ट्र घोषित करेंगे’’, ऐसा प्रतिपादन पुरी के पुर्वाम्नाय गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी ने किया ।

हमें धर्मशिक्षित हिन्दू राष्ट्र चाहिए ! – अधिवक्ता पू. हरि शंकर जैनजी

‘‘प्रत्येक राष्ट्र की संस्कृति होती है, परंतु भारत में ऐसा नहीं है । संविधान की धारा २८ में लिखा है कि हिन्दू पाठशाला में वेद पुराण नहीं पढा सकते; परंतु अन्य पंथीय अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन कर सकते हैं । हमें धर्मशिक्षित हिन्दू राष्ट्र चाहिए, जिसमें अन्याय, ईर्ष्या, लालच का स्थान न हो ।

हिन्दुओं की समस्याओं का समाधान हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

वर्ष २०२५ के उपरांत सत्त्वगुणी हिन्दुओं की ओर से भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी । इसलिए सभी संगठनों के एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है ।’’ ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी ने अधिवेशन में सभी को संबोधित करते हुए किया ।

सनातन संस्था द्वारा ग्रंथ-प्रदर्शनी

दिल्ली – यहां पर वनिता समाज की ओर से चैत्रोत्सव के अवसर पर हलदी-कुमकुम के कार्यक्रम में सनातन संस्था द्वारा ग्रंथ व सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई । इसका लाभ अनेक महिलाओं ने लिया ।