Villagers Vandalized Church In Bihar : सारण (बिहार) में स्कूल के नाम पर बन रहे चर्च को ग्रामीणों ने तोड़ दिया ।

हिन्दुओं को पैसे का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा था ।

सारण (बिहार) – सारण जिले के रविलगंज क्षेत्र में एक निर्माणाधीन चर्च को गुस्साए लोगों ने ध्वस्त कर दिया । यह चर्च एक स्कूल के नाम पर बनाया जा रहा था । ग्रामीणों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी उन्हें लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए विवश कर रहे हैं ।
विशेष पुलिस अधीक्षक आशीष ने बताया कि इस घटना में अभियोग लगाया गया है और एक ग्रामीण को बंदी बना लिया गया है । ८ अप्रैल को सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें क्षेत्र में ईसाई धर्मांतरण की चर्चा थी । पुलिस को अभी तक धर्मांतरण का कोई प्रमाण नहीं मिला है; लेकिन मामला गंभीर होने के कारण उप-विभागीय पुलिस अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं ।

लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया गया !

ग्रामीणों का आरोप है कि चर्च का निर्माण कार्य दो वर्ष से चल रहा था । रामनाथ मांझी नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने ३ अप्रैल २०२५ को इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी । मांझी ने कहा,

1. जहानाबाद के ज्योति प्रकाश नामक व्यक्ति जमीन खरीदकर स्कूल बनाने की बात कर रहे थे । गांव वालों ने भी इसे स्कूल समझकर निर्माण में सहायता की; लेकिन तभी वहां चर्च की पट्टिका देखकर सभी चौंक गए; फिर मिशनरियों ने ग्रामीणों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए राजी करना शुरू कर दिया । इससे लोग क्रोधित हो गये तथा चर्च के विरोध में खड़े हो गये ।

2. धीरे-धीरे मिशनरी निर्माणाधीन भवन में पहुंचने लगे तथा प्रत्येक रविवार को प्रार्थना करने लगे । प्रार्थना में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक लिफाफे में 1,000 रुपये दिए गए । लोगों को पैसे और अन्य खाद्य पदार्थों का लालच दिया जा रहा था ।

3. मिशनरियों ने कहा कि यदि वे ईसाई धर्म अपना लें तो उनकी बेटियों की शादी तथा बेटों की शिक्षा का खर्च वहन किया जाएगा । उन्होंने लोगों को छठ पूजा जैसे हिन्दू त्यौहार मनाने से रोकना आरंभ कर दिया ।

4. मिशनरियों ने गांव वालों को विशेष पानी की बोतलें दीं तथा उन्हें २० दिनों तक इसे पीने को कहा । उन्होंने ‘हालेलुया’ (येशू की स्तुति) कहने का भी सुझाव दिया । वे कह रहे थे, “अपने ईश्वर की पूजा करना बंद करो, यीशु पर विश्वास करो, और तुम्हारे दुख दूर हो जायेंगे ।”

सारण में चर्चों को पहले भी विरोध का सामना करना पड़ा है !

सारण में पहले भी धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था । वर्ष २०२२ में जाटुआन गांव में चर्च का निर्माण कराया जा रहा था, जिसका दलितों ने विरोध किया था । एक स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि उसे एक लाख रुपये की रिश्वत का लालच दिया गया । ग्रामीणों के विरोध के कारण ईसाई मिशनरी भाग गये; बताया गया कि वे सभी आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे ।

संपादकीय भूमिका

  • क्योंकि सरकार धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कठोर कानून और कार्रवाई नहीं कर रही है, इसलिए कांग्रेस के राज्य में ईसाई मिशनरियों द्वारा जो प्रथाएं अपनाई जा रही थीं, वही प्रथाएं वर्तमान सरकार के अंतर्गत देश में अभी भी प्रचलित हैं । इसलिए, यह स्थिति धार्मिक शासकों वाले हिन्दू राष्ट्र को अपरिहार्य बनाती है !
  • प्रशासन, पुलिस और सरकार का क्या लाभ जो हिन्दुओं को कानून अपने हाथ में लेने के लिए विवश करता है ?