श्रीराम : कुशल संगठन के आदर्श !

५०० वर्ष की प्रतीक्षा के उपरांत अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बन रहा है । ऐसे स्वर्णिमक्षण में हिन्दू श्रीराम के संगठनकार्य का आदर्श सामने रखेंगे, तो संपूर्ण भारत के अन्य अतिक्रमित मंदिर भी हिन्दुओं को प्राप्त होने में समय नहीं लगेगा ।

अगले ढाई वर्ष तक श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा हेतु शुभ मुहूर्त नहीं है !

अयोध्या में होनेवाली श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की तिथि पर विभिन्न लोग आपत्ति जता रहे हैं । इस संदर्भ में वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविडजी ने इसका गणित बताकर प्राणप्रतिष्ठा हेतु २२ जनवरी २०२४ का दिन ही कैसे उचित है, यह बताया है ।

राममंदिर का उद्घाटन तथा प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हिन्दुओं का आत्मसम्मान !

‘रामायण’ एक ऐतिहासिक ग्रंथ है । हिन्दुस्थान सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक, ऐसे सभी क्षेत्रों में सर्वाेच्च स्थान पर विराजमान एकमात्र देश था ।

सनातन का श्रीराम ग्रंथ ‘ई-बुक’ स्वरूप में उपलब्ध !

श्रीरामजी की गुणविशेषताएं, रामायण की कुछ घटनाओं का भावार्थ ऐसी जानकारी पाने हेतु ई-बुक आज ही डाउनलोड करें ।

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में स्थापित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्री रामलला की मूर्ति की प्रतीत हुई गुणविशेषताएं !

‘२२.१.२०२४ को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि   के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की गई । इस मूर्ति को देखने पर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्रीराम की इस मूर्ति की निम्न गुणविशेषताएं मेरे ध्यान में आईं ।

श्रीराम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा निमित्त सप्तर्षि एवं संतों का संदेश

अब हम ‘सनातन धर्मराज्य’ की ओर मार्गक्रमण कर रहे हैं, जिसे ‘हिन्दू राष्ट्र’ भी कह सकते हैं । इस कालावधि में ‘अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण होकर ‘श्रीराममूर्ति’ की प्राणप्रतिष्ठा होना’, ईश्वरीय नियोजन है ।

रामभक्तो, स्वयं में शरणागत भाव एवं आर्त भाव बढाकर अपने हृदयमंदिर में भी श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा करें !

प्रभु श्रीराम का तत्त्व अब अधिकाधिक कार्यरत हुआ है । रामभक्तो, स्वयं द्वारा की जा रही प्रत्येक कृति को रामभक्ति से जोडकर अंतःकरण में भक्ति के दीप प्रज्वलित करेंगे ।

प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना से सूक्ष्म स्तर पर होनेवाले परिणाम !

श्रीराम की कृपा के कारण समस्त हिन्दुओं में श्री दुर्गादेवी एवं हनुमान का तत्त्व जागृत होकर उनके द्वारा राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य होगा

‘राम तांडव स्तोत्र’ के कारण लाखों कारसेवकों को मिला बल !

इस स्तोत्र का पाठ करके देखें । इसमें एक निराली ही ऊर्जा है । वही ऊर्जा जिसने क्रूर आक्रमणकारियों का नामोनिशान मिटा डाला । वही ऊर्जा जिसने लाखों कारसेवकों को बल प्रदान किया ।

Anti-Drone System Ayodhya : श्रीराम मंदिर की सुरक्षा के लिए ड्रोन विरोधी तंत्र का उपयोग किया जाएगा !

उत्तर प्रदेश पुलिस इजरायल से १० ड्रोन विरोधी तंत्र क्रय करेगी !