‘चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट’ द्वारा अष्टविनायक गणपतियों में से ३ मंदिरों सहित कुल ५ मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू

मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए अपूर्ण अथवा अशोभनीय वस्त्र पहनकर दर्शन के लिए न आने की अपील ।

(वस्त्र संहिता का अर्थ है — मंदिर में किस प्रकार के वस्त्र पहनकर आना चाहिए, इस संबंध में बनाए गए नियम)

पुणे – अष्टविनायक गणपतियों में से मोरगांव के मोरेश्वर, थेऊर के चिंतामणि, सिद्धटेक के सिद्धिविनायक के साथ-साथ चिंचवड़ के मोरया गोसावी संजीवन मंदिर तथा खार नारंगी मंदिर में दर्शन हेतु वस्त्र संहिता घोषित की गई है । ये पांचों मंदिर जिनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं उस ‘चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट’ द्वारा यह वस्त्र संहिता लागू की गई है । यह अनिवार्य नहीं है, तथापि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने हेतु अपील की गई है कि भक्तगण अपूर्ण अथवा अनुचित वस्त्र पहनकर दर्शन के लिए न आएं । इसलिए अब आगे से अष्टविनायक में से पुणे जिले के इन पांचों गणपति मंदिरों में दर्शन के लिए पूर्ण रूप से ढंके तथा सभ्य वस्त्र पहनकर ही श्रद्धालुओं को दर्शन की कतार में खड़ा होना होगा ।

चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट के पत्र के माध्यम से की गई अपील 

१. महासाधु श्री मोरया गोसावी महाराज की संजीवन समाधि का मंदिर तथा श्री मंगलमूर्ति वाडा केवल वास्तु नहीं, बल्कि अध्यात्म, संस्कृति एवं भक्ति का केंद्र है । यहां आने वाले प्रत्येक भक्त को मंदिर की पवित्रता का सम्मान करना चाहिए तथा भक्तिमय वातावरण बनाए रखने के लिए सहयोग देना चाहिए ।

२. पुरुषों को पारंपरिक तथा शालीन वस्त्र पहनने चाहिए । महिलाओं को साड़ी, सलवार कुर्ता परिधान करना चाहिए ।