‘जय श्रीराम’ एवं ‘हर हर महादेव’के उत्स्फूर्त जयघोष के साथ ‘वीर सावरकर’ पुररस्कार प्रदान समारोह संपन्न !

पुणे, २७ फरवरी (संवाददाता) : हिन्दुओं के आस्था के केंद्रों को अर्थात मंदिरों को नष्ट किया गया, तो उनकी संस्कृति ही नष्ट होगी, यह मुगलों का षड्यंत्र था । अब उसका अगला चरण है जिहाद के द्वारा हिन्दुओं की भूमि हडप लेना, मंदिरों को तोडकर उन पर मस्जिदें बनाना; परंतु इसमें न्यायालय ने हमें न्याय दिया; इसीलिए वर्तमान समय में तलवार के बल पर नहीं, अपितु हमने लेखनी के बल पर यह युद्ध जीता, ऐसा हम बोल सकते हैं । मंदिरों की पुनर्स्थापना करना ईश्वरीय कार्य है तथा प्रत्येक व्यक्ति को उसमें सम्मिलित होना चाहिए, ऐसा आवाहन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने यहां किया । वीर विनायक दामोदर सावरकर के आत्मार्पण दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय प्राधिकारी के वीर सावरकर मंडल की ओर से २६ फरवरी को ग.दि. माडगूळकर नाट्यगृह में ‘वीर सावरकर’ पुरस्कार प्रदान समारोह २०२५ संपन्न हुआ । इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम के हस्तों अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन को एक लाख रुपए तथा मानचिन्ह प्रदान कर, राष्ट्रीय पुरस्कार के माध्यम से उनके कार्य का गौरव किया गया । इसमें वे ऐसा बोल रहे थे । इसके साथ ही वीर सावरकर मंडळ के अध्यक्ष विश्वनाथन् नायर तथा अधिवक्ता उज्ज्वल निकम के हस्तों हिन्दुत्वनिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मीरा अ. कडबे को ‘वीर सावरकर राज्यस्तरीय पुरस्कार २०२५’ प्रदान कर सम्मानित किया गया । मीरा कडबे को पुरस्कार के रूप में ५१ सहस्र रुपए तथा सन्मानचिन्ह प्रदान कर उनके कार्य का सम्मान किया गया । वीर सावरकर मंडल के प्रतिनिधियों ने अधिवक्ता उज्ज्वल निकम को सम्मानित कर उन्हें सन्मानचिन्ह तथा वीर सावरकर की प्रतिमा भेंट की ।
Since the restoration of temples is a divine task, everyone should participate in it!
– Advocate @Vishnu_Jain1We must realize Swatantryaveer Savarkar’s vision of an Akhand Hindu Rashtra!
– H.H (Adv.) @adv_hsjain🚩Amidst the spontaneous cheers of ‘Jai Shri Ram’ and ‘Har Har… pic.twitter.com/3kTX8FUSqt
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 27, 2025
शरीर में जब तक प्राण हैं, तब तक धर्म के लिए लडूंगा ! – विष्णु शंकर जैन

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने आगे कहा कि जब तक शरीर में प्राण हैं, तब तक मैं धर्म के लिए लडूंगा । जिस प्रकार हमने श्री राममंदिर का अभियोग लडा, उसी प्रकार हम ज्ञानवापी तथा मथुरा का अभियोग लड रहे हैं । हम मध्य प्रदेश के भोज के सरस्वतीमाता मंदिर के लिए भी अभियोग लड रहे हैं । ज्ञानवापी मुक्त होनी चाहिए, यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अंतिम इच्छा थी, उसके लिए हम ये अभियोग लड रहे हैं ।
ग.दि.माडगूळकर सभागृह, प्राधिकरण, आकुर्डी, पुणे, महाराष्ट्र।
26 फ़रवरी 2025 को ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर मंडल’ ने ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया और स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया। ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर मंडल’ और श्री समीर… pic.twitter.com/2uxKPpNDir— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) February 27, 2025

आध्यात्मिक अनुष्ठान में निरंतरता रखने से समय में निश्चित ही परिवर्तन आता है !
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व रामजन्मभूमि का अभियोग लडना शाप था; परंतु किसी व्यक्ति ने अपने आध्यात्मिक अनुष्ठान में निरंतरता रखी, तो समय में निश्चित ही परिवर्तन आता है, यह बात वर्तमान स्थिति से ध्यान में आती है; परंतु अयोध्या में मुसलमानों को मस्जिद के निर्माण के लिए ५ एकड भूमि देना अनुचित है; क्योंकि धर्मांध पुनः एक बार मंदिर तोडने का षड्यंत्र रच रहे हैं । कुछ दिन पूर्व मैंने पुणे के शनिवारवाडा का अवलोकन किया, उस समय वहां अखंड हिन्दुस्थान का चित्र टूटे हुए स्थिति में दिखाई दिया । अखंड हिन्दू राष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज तथा वीर सावरकर का स्वप्न था । उसके लिए वह चित्र पुनः अच्छी स्थिति में आए, इसके लिए प्रयास होने चाहिए । छत्रपति संभाजी महाराज के समाधिस्थल का अवलोकन करने के उपरांत मुझे वहां से जो प्रचंड ऊर्जा मिली है, उस ऊर्जा के बल पर मैं दोगुना धर्मकार्य करने के लिए तैयार हुआ हूं ।
🚩 🕉 🛕🪷🙏🙏🙏
” स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण सोहळा 2025 ”
अविस्मरणीय..
अतुलनीय..
उत्साहपूर्ण..
निर्विघ्न संपन्न..
शतशः आभार.. सधन्यवाद.!👉 कृतसंकल्पीत.. ” अयोध्या तो झाकी है, काशी मथुरा बाकी है.!”
🚩॥ वंदे हिंदु मातरम् ॥
🚩॥ जय हिंदुराष्ट्र-राज्य ॥ pic.twitter.com/7UJllwYvk6— 🚩 समीर शरद कुळकर्णी 🕉 (@ONLY_HINDUS1) February 27, 2025
अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाने का वीर सावरकर का सपना हमें साकार करना चाहिए ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी
इस अवसर पर दिखाए गए वीडियो के माध्यम से पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी ने कहा, ‘‘मुसलमान आक्रांताओं ने हिन्दुओं के मंदिरों का मस्जिदों में रूपांतरण किया । जिन मंदिरों को तोडकर मस्जिदें बनाई गई हैं, उन मंदिरों को पुनः अपने नियंत्रण में लेना हमारा दायित्व है । हिन्दू धर्म को बचाने हेतु सभी को एकत्रित होना आवश्यक है । वीर सावरकर का सपना अर्थात अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए ।’’
छल, कपट, बल, भावनात्मक दमन तथा वशीकरण के माध्यम से ‘लव जिहाद’ किया जाता है ! – मीरा अ. कडबे, हिन्दुत्वनिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता
छळ, बल, कपट, भावनात्मक दमन तथा वशीकरण के माध्यम से ‘लव जिहाद’ किया जाता है । मुसलमान युवक प्रतिवर्ष २ लाख हिन्दू लडकियों को ‘लव जिहाद’के माध्यम से फंसाते हैं । ‘लव जिहाद’ में धर्मांध झूठे हिन्दू नाम धारण कर तथा झूठे व्यवसाय बताकर लडकियों से धोखाधडी करते हैं तथा उनसे निकटता बनाते हैं । यह एक धर्मयुद्ध है । ‘लव जिहाद’ एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है । इसलिए विद्यालयीन पाठ्यक्रम में ही धर्मशिक्षा का समावेश किया गया, तो स्थिति बदल सकती है । प्रत्येक घर की लडकियों को भावनिक बल दीजिए । आपकी लडकी लव जिहाद की बलि न चढे; इसके लिए उसे संस्कार दीजिए तथा लडकियों से संवाद बनाए रखें । वीर सावरकर के आत्मार्पण के दिन हम यह संकल्प लेंगे तथा यही उन्हें वास्तविक श्रद्धांजली होगी ।
‘छावा’ फिल्म में अत्यंत स्पष्टतापूर्ण पद्धति से इतिहास दिखाया गया है ! – अधिवक्ता उज्ज्वल निकम

‘लव जिहाद’ की घटनाएं बढने के पीछे अभिभावक तथा लडकियों में संवाद न होना, एक महत्त्वपूर्ण कारण है । नैतिकता का दायित्व अभिभावकों का भी है । छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित ‘छावा’ फिल्म में स्पष्टता से उनका इतिहास दिखाया गया है । महाराष्ट्र के बाहर के अनेक लोगों को उनका इतिहास ज्ञात नहीं है । छत्रपति संभाजी महाराज ने हिन्दू धर्म के लिए प्राणों का बलिदान देकर समाज के सामने राष्ट्रप्रेम जागृत करने का आदर्श रखा है तथा इसके कारण यह फिल्म इतनी चली ।
क्षणिकाएं
१. ज्ञानवापी के अभियोग के विषय में अनुभूतियां बताते समय पूरा सभागृह ‘हर हर महादेव’ के नारों से गूंज उठा ।
२. ‘अयोध्या तो झांकी है, काशी, मथुरा अभी बाकी है ।’ के नारे लगाए गए । अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ‘परात्पर गुरु डॉक्टर आठवलेजी को नमन’, ऐसा बोलकर अपना भाषण आरंभ किया ।
३. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जब अपनी अनुभूतियां बता रहे थे, उस समय उपस्थित दर्शकों की आंखों में भावाश्रु आए । लोगों ने खडे रहकर विष्णु शंकर जैन का अभिवादन किया ।